facebookmetapixel
वित्त मंत्री सीतारमण ने सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को लिखा पत्र, GST 2.0 के सपोर्ट के लिए दिया धन्यवादAdani Group की यह कंपनी करने जा रही है स्टॉक स्प्लिट, अब पांच हिस्सों में बंट जाएगा शेयर; चेक करें डिटेलCorporate Actions Next Week: मार्केट में निवेशकों के लिए बोनस, डिविडेंड और स्प्लिट से मुनाफे का सुनहरा मौकाEV और बैटरी सेक्टर में बड़ा दांव, Hinduja ग्रुप लगाएगा ₹7,500 करोड़; मिलेगी 1,000 नौकरियांGST 2.0 लागू होने से पहले Mahindra, Renault व TATA ने गाड़ियों के दाम घटाए, जानें SUV और कारें कितनी सस्ती हुईसिर्फ CIBIL स्कोर नहीं, इन वजहों से भी रिजेक्ट हो सकता है आपका लोनBonus Share: अगले हफ्ते मार्केट में बोनस शेयरों की बारिश, कई बड़ी कंपनियां निवेशकों को बांटेंगी शेयरटैक्सपेयर्स ध्यान दें! ITR फाइल करने की आखिरी तारीख नजदीक, इन बातों का रखें ध्यानDividend Stocks: सितंबर के दूसरे हफ्ते में बरसने वाला है मुनाफा, 100 से अधिक कंपनियां बांटेंगी डिविडेंड₹30,000 से ₹50,000 कमाते हैं? ऐसे करें सेविंग और निवेश, एक्सपर्ट ने बताए गोल्डन टिप्स

Vadhvan Port के लिए ₹30,000 करोड़ जुटाएगी भारत की सबसे बड़ी पोर्ट बिल्डर कंपनी

मुंबई से कुछ घंटे की दूरी पर स्थित वधावन पोर्ट प्रोजेक्ट लिमिटेड के मालिक 15 से 20 साल की अवधि वाले कर्ज जुटाने पर विचार कर रहे हैं।

Last Updated- June 19, 2025 | 7:26 PM IST
Vadhvan Port

भारत का सबसे बड़ा बंदरगाह बनने जा रहे वधावन पोर्ट (Vadhvan Port) को बनाने वाली कंपनी लगभग ₹30,000 करोड़ (3.5 अरब डॉलर) का कर्ज जुटाने की योजना बना रही है। समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। इससे ऋणदाताओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इंफ्रास्ट्रक्चर योजनाओं में सुधार के एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट में निवेश करने का अवसर मिलेगा।

15 से 20 साल के लिए लिया जाएगा लोन

मुंबई से कुछ घंटे की दूरी पर स्थित वधावन पोर्ट प्रोजेक्ट लिमिटेड के मालिक 15 से 20 साल की अवधि वाले कर्ज जुटाने पर विचार कर रहे हैं। ब्लूमबर्ग ने एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया कि फंड जुटाने के लिए देश और विदेश दोनों जगहों से पैसे उधार लेने की योजना बनाई जा रही है।

जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी (JNPA) के चेयरमैन उन्मेष शरद वाघ ने कहा, “हमने कर्ज जुटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो दो चरणों में पूरी होगी।” JNPA इस परियोजना में 74% की हिस्सेदारी रखता है, जबकि शेष 26% हिस्सेदारी महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड के पास है।

Also read: IPO बाजार में फिर से रफ्तार: अगले हफ्ते ₹15,000 करोड़ जुटाने उतरेंगी चार बड़ी कंपनियां

दुनिया के टॉप-10 बंदरगाहों में होगा शामिल

9 अरब डॉलर की यह बंदरगाह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक बड़ी पहल है। मोदी ने पिछले साल वधावन पोर्ट की आधारशिला रखी थी। परियोजना के इस दशक के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद यह पोर्ट करीब 2.3 करोड़ कंटेनर यूनिट संभालने की क्षमता वाला होगा, जिससे यह दुनिया के 10 सबसे बड़े बंदरगाहों में शामिल हो जाएगा।

IDBI कैपिटल को बनाया गया सलाहकार

वाघ ने बताया कि पहले दौर के फंडिंग के लिए दीर्घकालिक कर्जदाताओं को जोड़ने में मदद के लिए IDBI कैपिटल को सलाहकार नियुक्त किया गया है। पहले चरण में कम से कम ₹22,000 करोड़ जुटाने का लक्ष्य है। यह फंड अगले पांच वर्षों में चरणबद्ध तरीके से जारी किया जाएगा। कर्जदाताओं से प्रस्ताव (RFP) अक्टूबर से दिसंबर की तिमाही में मांगे जाएंगे।

वाघ, जो वधावन पोर्ट प्रोजेक्ट के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर भी हैं, ने कहा कि JNPA और महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड (MMB) साथ मिलकर इस परियोजना में करीब ₹13,000 करोड़ की इक्विटी लगाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि कंपनी बहुपक्षीय एजेंसियों से बातचीत कर रही है और 1,200 हेक्टेयर जमीन को फिर से हासिल करने पर काम कर रही है।

Also read: Covid Alert: भारत में अब युवाओं को शिकार बना रहा कोरोना वायरस, डॉक्टर्स ने दी चेतावनी

इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप कॉरिडोरर का बनेगा आधार

देश के समुद्री ढांचे को मजबूत बनाना मोदी सरकार की प्राथमिकता है। फरवरी में पेश किए गए बजट में सरकार ने समुद्री क्षेत्र को समर्थन देने के लिए मैरीटाइम डेवलपमेंट फंड (Maritime Development Fund) का प्रस्ताव दिया है, जिसके तहत इक्विटी या डेट सिक्योरिटीज के जरिए वित्तीय सहायता दी जाएगी।

फिलहाल भारत के किसी भी बंदरगाह की गहराई इतनी नहीं है कि वहां दुनिया के सबसे बड़े कंटेनर जहाजों को ठहराया जा सके, इस वजह से ऐसे जहाजों को भारत छोड़कर जाना पड़ता है। लेकिन वधावन पोर्ट की प्राकृतिक गहराई 20 मीटर है, जिससे यह बड़े जहाजों को संभालने में सक्षम होगा। यह बंदरगाह भारत–मध्य पूर्व–यूरोप कॉरिडोर (India-Middle East-Europe Corridor) की शुरुआत का आधार भी बनेगा, जो तीनों क्षेत्रों के बीच नए व्यापारिक रास्ते विकसित करने की एक योजना है।

First Published - June 19, 2025 | 7:20 PM IST

संबंधित पोस्ट