भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर अप्रैल-जून 2025 में पांच तिमाहियों के उच्च स्तर 7.8 प्रतिशत पर पहुंच गई। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि दूसरी तिमाही में भी समग्र के आंकड़े मजबूत रहेंगे। इसका कारण यह है कि कमजोर आधार प्रभाव से समग्र आंकड़ों को मजबूती मिलेगी और ट्रंप के शुल्क थोपने का प्रभाव केवल सितंबर के बाद ही महसूस होने का अनुमान है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने अगस्त की दूसरी तिमाही में ‘मामूली वृद्धि’ का अनुमान जताया था। रिजर्व बैंक ने दूसरी तिमाही के लिए 6.7 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान जताया था जबकि यह पहली तिमाही के लिए 6.5 प्रतिशत था। आईडीएफसी फर्स्ट बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री गौरा सेनगुप्ता ने कहा कि दूसरी तिमाही में वृद्धि तुलनात्मक रूप से मजबूत और सात प्रतिशत से अधिक रहने का अनुमान है। इसका कारण यह है कि वृद्धि को आधार प्रभाव से मदद मिलेगी और द्विपक्षीय शुल्क का नकारात्मक प्रभाव भी पूरी तरह उजागर नहीं होगा।