वैश्विक पेशेवर सेवा फर्म EY (Ernst & Young) की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की अर्थव्यवस्था वर्ष 2030 तक क्रय शक्ति समता (PPP) के आधार पर 20.7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकती है और 2038 तक भारत अमेरिका को पीछे छोड़कर विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। रिपोर्ट का यह विश्लेषण EY Economy Watch – अगस्त 2025 संस्करण में किया गया है।
EY इंडिया के चीफ पॉलिसी एडवाइजर डी. के. श्रीवास्तव ने कहा, “भारत की comparative strengths — जैसे युवा और कुशल कार्यबल, उच्च बचत और निवेश दरें, और स्थायी ऋण प्रोफ़ाइल — उसे वैश्विक अस्थिरताओं के बावजूद उच्च वृद्धि बनाए रखने में सक्षम बनाती हैं।”
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी टैरिफ का सीधा असर भारत की GDP पर लगभग 0.9% हो सकता है। यदि इसका एक-तिहाई हिस्सा वास्तविक मांग में गिरावट लाता है, तो कुल प्रभाव 0.3% तक सिमट सकता है। उचित नीतियों और प्रतिकार उपायों (जैसे आयात में कटौती और घरेलू मांग बढ़ाना) से यह असर केवल 0.1% (10 बेसिस पॉइंट) तक सीमित किया जा सकता है। इसका मतलब है कि FY26 में भारत की संभावित 6.5% विकास दर घटकर अधिकतम 6.4% तक आ सकती है।
Also Read | अमेरिका में ‘स्कैम’ बना H-1B वीजा? फ्लोरिडा गवर्नर ने बोला हमला, भारतीयों को ठहराया जिम्मेदार!
रिपोर्ट के अनुसार, भारत तकनीकी क्षमता, आत्मनिर्भरता और घरेलू मांग पर आधारित विकास की दिशा में अग्रसर है और यह 2047 तक ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है। EY की रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि भारत वैश्विक आर्थिक मंच पर तेजी से उभर रहा है। मजबूत घरेलू मांग, युवा जनसंख्या और तकनीकी क्षमताएं भारत को आने वाले वर्षों में अर्थव्यवस्था के नए शिखरों तक पहुंचाने में सक्षम बनाएंगी, भले ही उसे अमेरिका जैसे देशों की नीति चुनौतियों का सामना क्यों न करना पड़े।
(एजेंसी इनपुट के साथ)