शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने कहा है कि भारत के साथ प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते के तहत शुल्क में कटौती से लेकर नियामकीय सुधारों तक अमेरिका नीतियों में व्यापक बदलावों के लिए दबाव डाल सकता है। जीटीआरआई का मानना है कि इससे अमेरिकी कंपनियों और निर्यातकों को फायदा होगा।
जीटीआरआई ने कहा कि कृषि क्षेत्र में अमेरिकी मांग में चावल और गेहूं जैसी फसलों के लिए भारत के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) कार्यक्रमों को कम करना, आनुवंशिक रूप से संशोधित (जीएम) आयात पर प्रतिबंध हटाना और कृषि शुल्क कम करना शामिल है। इसी तरह डेरी पर अमेरिका का तर्क है कि भारत के जीएम-मुक्त फीड प्रमाणन और सुविधा पंजीकरण प्रोटोकॉल प्रभावी रूप से अमेरिकी डेयरी आयात को रोकते हैं।
जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, ‘एमेजॉन और वॉलमार्ट जैसी अपनी खुदरा कंपनियों पर अमेरिका प्रतिबंधों में ढील की मांग कर सकता है, जो भारत में विदेशी स्वामित्व वाले इन्वेंट्री-आधारित ई-कॉमर्स व्यापार पर भारत के प्रतिबंधों के कारण बाधाओं का सामना कर रही हैं। भारत इस ढील का विरोध करता है क्योंकि उसे अपने छोटे घरेलू खुदरा विक्रेताओं को अमीर विदेशी कंपनियों से अनुचित प्रतिस्पर्धा से बचाना है।’