facebookmetapixel
Upcoming IPOs: Jio, फ्लिपकार्ट, PhonePe से लेकर OYO तक; 2026 में इन बड़े नाम के आएंगे IPOMarket Outlook: नए साल से पहले बाजार की चाल तय करेंगे मैक्रो आंकड़े और वैश्विक संकेतBonus Stocks: 2025 की विदाई और 2026 की शुरुआत में निवेशकों को तोहफा, दो कंपनियां बाटेंगी बोनसStock Split: अगले हफ्ते दो कंपनियां अपने शेयरों का करेंगी बंटवारा, रिकॉर्ड-डेट पर सबकी नजरयूके एफटीए से अमेरिका टैरिफ विवाद तक: 2025 में भारत की ट्रेड पॉलिसी की तस्वीरMCap: सात बड़ी कंपनियों का मार्केट कैप डूबा, SBI सबसे बड़ा नुकसान उठाने वालीIncome Tax Refund: टैक्सपेयर्स ध्यान दें! ITR में छूटी जानकारी या गलत दावा? अब सही करने का आखिरी अवसरZepto IPO: SEBI में गोपनीय ड्राफ्ट फाइल, ₹11,000 करोड़ जुटाने की तैयारीFake rabies vaccine row: IIL का बयान- रैबीज वैक्सीन से डरने की जरूरत नहीं, फर्जी बैच हटाया गयाDelhi Weather Update: स्मॉग की चादर में लिपटी दिल्ली, सांस लेना हुआ मुश्किल; कई इलाकों में AQI 400 के पार

इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए कैपेक्स बढ़ाने से होगा कंपनियों को फायदा: नीति सदस्य

नीति आयोग के सदस्य अरविंद विरमानी ने कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पूंजीगत व्यय को 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये करने से भारतीय कंपनियों के लिए पूंजी की लागत को कम करने में मदद मिलेगी

Last Updated- February 07, 2023 | 3:55 PM IST

वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में राजकोषीय मजबूती को जारी रखने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की सराहना करते हुए नीति आयोग के सदस्य अरविंद विरमानी ने मंगलवार को कहा कि इससे भारतीय कंपनियों के लिए पूंजी की लागत को कम करने में मदद मिलेगी।

विरमानी ने कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पूंजीगत व्यय को 33 प्रतिशत की बड़ी वृद्धि के साथ 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। इस कदम से देश की आर्थिक वृद्धि को रफ्तार मिलेगी।

वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा था कि वह राजकोषीय मजबूती के लिए कदम उठाना जारी रखेंगी।

विरमानी ने कहा, ‘‘इसलिए ऐसी स्थिति में जहां वैश्विक स्तर पर काफी अनिश्चितता है, यह काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका असर भारतीय कंपनियों के लिए उपलब्ध ब्याज दरों पर पड़ेगा।’’

सीतारमण ने अपने पांचवें बजट में 2023-24 में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पूंजीगत व्यय को 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। उन्होंने चालू वित्त वर्ष के लिए 6.4 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे के अनुमान को कायम रखा है। अगले वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे के अनुमान को घटाकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 5.9 प्रतिशत किया गया है। वित्त मंत्री ने 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत के स्तर पर लाने का इरादा जताया है।

विरमानी ने कहा कि बजट 2023-24 में वृद्धि के समावेशी पहलू भी हैं। अगले साल होने वाले आम चुनावों से पहले यह नरेंद्र मोदी सरकार का अंतिम पूर्ण बजट था। ऐसे में मध्यम वर्ग, महिलाओं और पेंशनभोगियों को लुभाने के लिए वित्त मंत्री ने कर रियायतों और बचत योजनाओं की घोषणा की है।
इसके अलावा उन्होंने आवास और बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर भारी खर्च का भी प्रस्ताव किया है। कुछ राज्यों द्वारा पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को फिर लागू करने के सवाल पर विरमानी ने कहा कि नई पेंशन योजना एक बड़ा सुधार है।

उन्होंने कहा, ‘‘और जो कोई भी इसके विरोध करता है, उससे मैं सहमत नहीं हूं।’’ ओपीएस के तहत समूची पेंशन राशि सरकार द्वारा दी जाती थी। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने 2003 में इसे एक अप्रैल, 2004 से बंद कर दिया था।

First Published - February 7, 2023 | 3:55 PM IST

संबंधित पोस्ट