facebookmetapixel
घने कोहरे की मार: दिल्ली समेत पूरे उतरी क्षेत्र में 180 से अधिक उड़ानें रद्द, सैकड़ों विमान देरी से संचालितनए साल पर होटलों में अंतिम समय की बुकिंग बढ़ी, पर फूड डिलिवरी करने वाले गिग वर्कर्स के हड़ताल से दबावबांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन, विदेश मंत्री एस जयशंकर ढाका जाएंगे अंतिम संस्कार मेंकमजोर गर्मी-लंबे मॉनसून के चलते 2025 में सुस्त रहा उपभोक्ता टिकाऊ सामान बाजार, पर GST कटौती से राहत‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बदला देश का सुरक्षा सिद्धांत, अब सीधे वार के लिए भारत तैयारउम्मीदों पर सवार ग्रामीण अर्थव्यवस्था! GST राहत और बढ़ी खपत ने संवारा, आय को लेकर उम्मीदें मजबूतMapmyIndia के मैपल्स ऐप में मेट्रो, रेल व बस रूट जुड़े, पब्लिक ट्रांसपोर्ट हुआ और आसान31 दिसंबर की गिग कर्मियों की हड़ताल से क्विक कॉमर्स पर संकट, जोमैटो-स्विगी अलर्ट मोड मेंAI से बदलेगा बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग उद्योग, कैपजेमिनाई-WNS डील ने खोली नई राहTata Power ने रचा इतिहास, राजस्थान में 1 गीगावॉट सौर परियोजना की सफल शुरुआत

सेवा क्षेत्र में वृद्धि दो साल के निचले स्तर पर पहुंची

एक निजी सर्वेक्षण के बुधवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में मांग में नरमी आई है, लेकिन यह मजबूत बनी हुई है।

Last Updated- February 05, 2025 | 11:18 PM IST
Office

भारत में दबदबे वाले सेवा क्षेत्र की वृद्धि जनवरी में दो साल से अ​धिक के निचले स्तर पर पहुंच गई। एक निजी सर्वेक्षण के बुधवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में मांग में नरमी आई है, लेकिन यह मजबूत बनी हुई है और इसके कारण नियुक्तियों में पर्याप्त वृद्धि हुई है। 

एचएसबीसी का फाइनल इंडिया सर्विसेज परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) जनवरी में गिरकर 56.5 पर आ गया, जबकि यह दिसंबर में 59.3 था। सेवा पीएमआई के आंकड़ों का संकलन एसऐंडपी ग्लोबल ने किया। जनवरी का प्राथमिक सूचकांक 56.8  था। इस सूचकांक में 50 से ऊपर का स्तर बढ़त को ही दिखाता है। यह सूचकांक लगातार 42वें महीने तटस्थ स्तर 50 से ऊपर रहा। 

सर्वे के अनुसार, ‘कुल मिलाकर नए कारोबार में वृद्धि कायम रही लेकिन वृद्धि दर 14 महीने में   सबसे सुस्त रही। यह वृद्धि मजबूत मांग और प्रतिस्पर्धियों की तुलना में बेहतर दाम पर सेवाएं मुहैया कराने के फैसले के कारण हुई।’ 

एचएसबीसी में भारत की मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने बताया, ‘कारोबारी गतिविधि और नए कारोबार पीएमआई सूचकांक नवंबर, 2022 और नवंबर, 2023 के बाद क्रमश: सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए।’

उन्होंने बताया, ‘गिरावट के रुझान को नए निर्यात व्यापार ने आंशिक रूप से रोका और नया निर्यात व्यापार वर्ष 2024 के अंत में गिरावट के बाद फिर बढ़ता गया। नया निर्यात व्यापार आधिकारिक आंकड़ों के अनुरूप है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार भारत का सेवा निर्यात दिसंबर में बेहतर हुआ और इसने वैश्विक व्यापार में अधिक हिस्सेदारी हासिल की थी।’

सर्वे के प्रतिभागियों ने एशिया, यूरोप, पश्चिम एशिया और अमेरिका के अपने ग्राहकों से लाभ अर्जित किया। लिहाजा अंतरराष्ट्रीय बिक्री में तेजी से इजाफा दर्ज हुआ। जनवरी में अंतरराष्ट्रीय मांग पांच माह के उच्च स्तर पर पहुंच गई।

सर्वे के अनुसार नया व्यापार बढ़ने और क्षमता पर दबाव बढ़ने के कारण सेवा प्रदाताओं को इस वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही की शुरुआत में अतिरिक्त कर्मचारियों की भर्ती करनी पड़ी। सर्वे के अनुसार, ‘भर्ती के इस दौर में पूर्णकालिक और अस्थायी रिक्तियों को भरा गया था। नौकरियों के सृजन की दर में दिसंबर  के बाद से तेजी से इजाफा हुआ और यह दिसंबर 2005 के बाद से (जबसे आंकड़ें एकत्रित किए जा रहे हैं) सबसे तेजी से बढ़ी थी।’

सेवा कंपनियों ने खर्च भी अधिक किया। खर्चे में वृद्धि स्टॉफ की लागत और खाद्य कीमतों के कारण हुई। महंगाई की दर में वर्ष के अंत की तुलना में थोड़ा बदलाव आया।

First Published - February 5, 2025 | 10:45 PM IST

संबंधित पोस्ट