facebookmetapixel
Stocks To Buy Today: एनालिस्ट ने सुझाए ये 3 शेयर, जो आने वाले हफ्तों में दे सकते हैं भारी मुनाफाUpcoming IPO: इस हफ्ते रहेगा आईपीओ का जलवा! 19 SME और 12 मेनबोर्ड इश्यू खुलेंगेStocks To Watch Today: PNC Infratech, RailTel, Lupin समेत कई कंपनियों के स्टॉक्स पर रहेगी नजरH1-B वीजा के नए नियमों से आईटी सेक्टर में घबराहट, भारतीय पेशेवरों और छात्रों में हड़कंपडीलरों के पास 5 लाख कारों का बिना बिका स्टॉक, जीएसटी नई दरों से कारें हुईं सस्तीतिरुपुर निटवियर उद्योग को अमेरिकी ऑर्डर घटने से ₹2,000 करोड़ का नुकसान, सरकार से सहायता बढ़ाने की मांगबिज़नेस स्टैंडर्ड ‘ब्लूप्रिंट’ कार्यक्रम- दुर्लभ खनिजों का बने राष्ट्रीय भंडार: रक्षा सचिववेयरहाउसिंग कंपनियां बढ़ती लागत और स्थिर किराये के बीच बाहरी पूंजी पर हो रही हैं निर्भररक्षा क्षेत्र में निवेश और ऑर्डर की निश्चितता जरूरी, DPM नई प्रक्रिया से होगी सरलता: राजिंदर सिंह भाटियाचंद्रयान-3 की सफलता ने हमें अधिक चुनौतीपूर्ण अभियान शुरू करने का साहस दिया: इसरो प्रमुख वी नारायणन

रीपो रेट में बढ़ोतरी से कर्जदारों पर बढ़ा बोझ

नीतिगत दर वृद्धि से बैंकों के ऋण पर ब्याज दरें बढ़ी

Last Updated- September 20, 2023 | 11:15 PM IST
Net claims of migrants increased in June quarter

नीतिगत दर में मई 2022 से लगातार वृद्धि हो रही है। ऐसे में 8 प्रतिशत से कम ब्याज वाले कर्ज का प्रतिशत तेजी से गिरा है। भारतीय रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक 8 प्रतिशत से कम ब्याज पर मार्च 2022 में 53 प्रतिशत ऋण था, जो जून 2023 में घटकर 18 प्रतिशत रह गया है।

बैंकों के ऋण में 10 प्रतिशत या इससे ज्यादा ब्याज दर वाले ऋण की हिस्सेदारी इस अवधि के दौरान 22 प्रतिशत से बढ़कर 34 प्रतिशत हो गई है। इससे मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) द्वारा नीतिगत रीपो रेट में 250 आधार अंक की बढ़ोतरी के असर का पता चलता है।

रीपो रेट में वृद्धि के कारण 32 घरेलू बैंकों ने कर्ज पर ब्याज दर बढ़ाया है, जो उनके रीपो से जुड़े बाहरी मानक पर आधारित उधारी दर (ईबीएलआर) से संबंधित था और उसी के अनुपात में दर में बढ़ोतरी कर दी गई है। इसके साथ ही 7 प्रतिशत और इससे ज्यादा ब्याज वाली सावधि जमा की पेशकश बढ़ी है।

परिणामस्वरूप सावधि जमा की वृद्धि को बल मिला है और बचत खातों में राशि कम हुई है। मई 2022 और जुलाई 2023 के बीच जब इन बदलावों पर नजर डालें तो पता चलता है कि सरकारी बैंकों ने रुपये में नई जमा के लिए भारित औसत घरेलू सावधि जमा दर (डब्ल्यूएडीटीडीआर) और रुपये में नए कर्ज पर भारित औसत उधारी दर (डब्ल्यूएएलआर) में ज्यादा वृद्धि की है।

वहीं दूसरी तरफ इस अवधि के दौरान निजी बैंकों ने जमा पर डब्ल्यूएडीटीडीआर में ज्यादा बढ़ोतरी की है। अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) ने मई 2022 और अगस्त 2023 के दौरान 1 साल के मीडियन मार्जिनल कॉस्ट आफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) में 155 आधार अंक की बढ़ोतरी की है।

इसके साथ ही मई 2022 और जुलाई 2023 के दौरान नए और बकाया ऋण दोनों के लिए डब्ल्यूएएलआर में क्रमशः 193 आधार अंक और 112 आधार अंक की बढ़ोतरी की है।

First Published - September 20, 2023 | 11:15 PM IST

संबंधित पोस्ट