अगर आप विदेश घूमते समय ज्यादा खर्च करते हैं, हर साल बिजली का भारी बिल चुकाते हैं, डिजाइनर कपड़े खरीदने के शौकन हैं और फर्टिलिटी क्लिनिक में IVF जैसी सेवाओं पर खर्च करते हैं तो कर विभाग आप पर नजर रख रहा होगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) चालू वित्त वर्ष में कर देने वालों की संख्या 10 फीसदी बढ़ाकर करीब 8.6 करोड़ करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए कर विभाग ज्यादा खर्च करने वालों पर सख्ती दिखा सकता है।
सरकारी अधिकारियों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि विस्तृत केंद्रीय कार्य योजना के तहत कर बढ़ाने के कई उपाय सुझाए गए हैं। इनमें उच्च मूल्य के लेनदेन की जानकारी देने वाली संस्थाओं द्वारा लेनदेन के ब्योरे की जांच, विभिन्न एजेंसियों, तीसरे पक्ष से प्राप्त जानकारी का सही से अध्ययन करना और कुछ इकाइयों के टीडीएस/टीसीएस विवरण की उचित जांच करना शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना का मसौदा मंजूरी के लिए इस हफ्ते CBDT को सौंपा जाएगा और योजना इसी महीने लागू हो जाने की उम्मीद है।
CBDT की केंद्रीय कार्य योजना में सत्यापन तंत्र का सुझाव दिया है ताकि सुनिश्चित हो सके कि विशेष वित्तीय लेनदेन (SFT) या रिपोर्ट करने योग्य खातों का विवरण दर्ज करने वाली रिपोर्टिंग इकाइयां कर प्रावधानों का अनुपालन कर रही हैं। कुछ खास इकाइयों को उन मामलों में अनिवार्य रूप से SFT की जानकारी देनी होती है, जहां लेनदेन कर कानून की निर्धारित सीमा से अधिक होती है। इन इकाइयों में डाकघर, मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज, बैंक आदि शामिल हैं।
कार्ययोजना में कहा गया है, ‘देखा गया है कि खपत पर होने वाले भारी खर्च की कानून के मुताबिक जानकारी नहीं दी जा रही है। खास तौर पर होटलों, बैंक्वेट, लक्जरी ब्रांड के रिटेलरों, आईवीएफ क्लिनिकों, अस्पतालों, डिजाइनर परिधान के स्टोर, एनआरआई कोटा वाले मेडिकल कॉलेज की सीट आदि के मामले में जानकारी नहीं दी जा रही।’
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योजना के अनुसार आयकर अधिनियम की धारा 139A के तहत निर्दिष्ट लेनदेन के लिए स्थायी खाता संख्या (PAN) लेने की जरूरत होती है, लेकिन ऐसा किया गया है या नहीं इसे सत्यापित करने की कोई व्यवस्था नहीं है। इसलिए उन स्रोतों की पहचान करना आवश्यक है, जो नियम के संभावित उल्लंघन में शामिल हो सकते हैं और कार्ययोजना में इसके लिए बिना हस्तक्षेप के सत्यापन तंत्र का सुझाव दिया गया है। इसके अलावा आयकर विभाग को ऐसे व्यक्ति/अविभाजित हिंदू परिवार पर भी नजर रखने को कहा गया है, जिनका सालाना बिजली बिल 1 लाख रुपये से अधिक हो। संभावित करदाताओं का पता लगाने के लिए इस तरह की जानकारी डिस्कॉम से जुटाई जा सकती है।
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इसी तरह किसी भी वित्त वर्ष में विदेश यात्रा पर 2 लाख रुपये से ज्यादा खर्च करने वाले व्यक्तियों/अविभाजित हिंदू परिवार को आयकर रिटर्न भरना पड़ेगा। देश से 10 दिन या अधिक समय तक बाहर रहने वाले लोगों की जानकारी आव्रजन ब्यूरो से ली जा सकती है। इसके साथ ही वर्चुअल डिजिटल संपत्तियों, ऑनलाइन गेमिंग से जुड़ी इकाइयों के TDS रिटर्न की भी जांच की जानी चाहिए। एक अधिकारी ने कहा कि ऐसे लोगों की तादाद काफी है, जिनका TDS तो जमा होता है मगर वे आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करते हैं। खास तौर पर वर्चुअल डिजिटल संपत्तियों या क्रिप्टोकरेंसी, ऑनलाइन गेमिंग आदि में कारोबार करने वाले। सरकार हाल ही में इस पर भी नियम सख्त किए हैं।
वित्त वर्ष 2023 में कुल आयकर रिटर्न बढ़कर 7.78 करोड़ हो गए, जो वित्त वर्ष 2022 में 7.3 करोड़ थे। समझा जाता है कि CBDT ने चालू वित्त वर्ष में करदाताओं की संख्या 10 फीसदी बढ़ाकर 8.6 करोड़ करने का लक्ष्य रखा है।