वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधारों को योजनाबद्ध तरीके से लागू किए जाने से एक खुली और पारदर्शी अर्थव्यवस्था स्थापित होगी, अनुपालन के बोझ में और कमी आएगी और इससे छोटे व्यवसायों के लिए काम करना आसान हो जाएगा।
जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक नई दिल्ली में 3 और 4 सितंबर को होने जा रही है, जिसमें 2017 से लागू किए जाने के बाद से इसमें सबसे बड़े कर सुधारों पर चर्चा होने वाली है।
तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में सिटी यूनियन बैंक के 120वें स्थापना दिवस समारोह में बोलते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों से न केवल ऋण का विस्तार करने बल्कि विश्वास, टेक्नोलॉजी और पारदर्शिता के माध्यम से इन्फ्रा विकास को गति प्रदान करने का आह्वान किया।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि सभी बैंकों को एमएसएमई के लिए समय पर और आवश्यकता के मुताबिक धन देना सुनिश्चित करना चाहिए, जिससे उन लोगों को भी बैंकिंग के दायरे में लाया जा सके, जिन तक बैंकिंग सेवाओं की पहुंच नहीं हो सकी है।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘व्यापक स्तर पर दबाव से जुड़े परीक्षणों से पता चला है कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का कुल पूंजी स्तर इन प्रतिकूल दबावों के बावजूद न्यूनतम नियामकीय स्तर से ऊपर बना रहेगा।’
भारत के राष्ट्र निर्माण प्रयासों में निजी क्षेत्र के बैंकों की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत के अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों ने अपनी संपत्ति की गुणवत्ता में भारी सुधार किया है, जिससे सकल गैर निष्पादित संपत्तियां (एनपीए) एक दशक के निचले स्तर 2.3 प्रतिशत पर है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में हमारे बैंकों के लिए यह उपलब्धि हासिल करना अभूतपूर्व है।’
वित्त मंत्री ने हाल में आए पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत वृद्धि के जीडीपी आंकड़ों का उल्लेख करते हुए कहा कि इन आंकड़ों ने सभी अनुमानों को मात दी और विभिन्न क्षेत्रों में समग्र रूप से अच्छी गति दिखाई है।
सीतारमण ने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अगली पीढ़ी के सुधारों के लिए एक टास्क फोर्स बनाने की घोषणा की है। इसे नियमों को सरल बनाने, अनुपालन लागत को कम करने और स्टार्टअप, एमएसएमई और उद्यमियों के लिए एक अधिक सक्षम इकोसिस्टम बनाने का काम सौंपा गया है।
बैंकों से विश्वास, तकनीक और पारदर्शिता के दिशानिर्देशों का पालन करने का अनुरोध करते हुए वित्त मंत्री ने कहा नैतिक आचरण और सुदृढ़ शासन के साथ निरंतर सेवा के माध्यम से भरोसा अर्जित किया जाता है।
उन्होंने कहा, ‘बैंकों के लिए विश्वास अर्जित करना और उसे बनाए रखना अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। प्रौद्योगिकी का लाभ न केवल बैंकों की दक्षता के लिए, बल्कि समावेशन और ग्राहक सशक्तीकरण के लिए भी उठाया जाना चाहिए।’