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विदेशी कंपनियों को लुभाने के लिए समूह

Last Updated- December 15, 2022 | 8:15 PM IST

कोरोनावायरस के कारण अपने जोखिम के विविधीकरण को इच्चुक कंपनियों को आकर्षित करने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज मंत्रालयों व विभागों में हो अहम व्यवस्थाएं की हैं। इनमें से एक देश में निवेश योग्य परियोजनाओं की सूची तैयार करेगी, जिससे उनमें प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित किया जा सके।
सरकार ने दो तरह निकाय बनाए हैं, पहला सचिवों का अधिकारप्राप्त समूह (ईजीओएस) और दूसरा परियोजना विकास प्रकोष्ठ (पीडीसी)। ये निकाय उन क्षेत्रों में उत्पादों को बढ़ावा देने पर भी नजर रखेंगे, जिनकी आपूर्ति अमेरिका, यूरोपीय समूह, चीन व अन्य देशों में होती है।
कैबिनेट की बैठक के बाद मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि इस प्रस्ताव का मकसद वैश्विक आर्थिक स्थिति से उपजी परिस्थितियों का लाभ उठाकर वैश्विक मूल्य शृंखला में भारत को बड़े कारोबारियों में शामिल किया जाए। उन्होंने कहा, ‘इस समय चल रही वैश्विक महामारी कोविड-19 के बीच भारत ने देश में एफडीआई आकर्षित करने का एक अवसर पैदा करने की कवायद की है, खासकर उन बड़ी कंपनियों को मौका दिया जा रहा है, जो जोखिम कम करने के लिए नए भौगोलिक क्षेत्रों में अपने कारोबार का विविधीकरण करना चाहती हैं।’
ईजीओएस की अध्यक्षता कैबिनेट सचिव करेंगे, जिसमें नीति आयोग के सीईओ, वाणिज्य, आर्थिक मामलों के विभाग, राजस्व विभाग के सचिव सदस्य के रूप में शामिल होंगे। उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग के सचिव इसके सदस्य सचिव होंगे। संबंधित विभागों के सचिव सदस्य के रूप में शामिल होंगे।
ईजीओएस तालमेल बिठाने का काम करकेगा और वह विभिन्न विभागों व मंत्रालयों से मंजूरियां दिलाएगा, जिससे वैश्विक निवेशकों को सहूलियत मिल सके।
पीडीसी को निवेश योग्य परियोजनाओं की अवधारणा बनाने, रणनीति बनाने, उन्हें लागू करने व उनका विस्तृत ब्योरा देने का काम सौंपा जाएगा। संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों के संयुक्त सचिव या उसके ऊपर के स्तर का अधिकारी संबंधित पीडीसी का इंचार्ज होगा। वह केंद्र व संबंधित राज्यों के बीच तालमेल बिठाकर भारत में निवेश योग्य परियोजनाओं की सूची तैयार करेगा, जिससे एफडीआई की आवक बढ़ाई जा सके।
एफडीआई प्रवाह 2019-20 में 14 प्रतिशत बढ़कर 49.8 अरब डॉलर के 4 साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।

First Published - June 3, 2020 | 11:54 PM IST

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