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सरकार देगी बैंकों को नकद

Last Updated- December 05, 2022 | 4:34 PM IST

यूपीए सरकार के किसान कर्ज माफी के ऐतिहासिक पैकेज को किस तरह से दिया जाएगा, इसका ऐलान शुक्रवार को सरकार ने कर दिया।


वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि 14 महीनों में 60 हजार करोड़ के पैकेज का दो तिहाई बैंकों को नकद उपलब्ध करा दिया जाएगा।


इस साल के आम बजट पर तीन दिन से चल रही चर्चा का उत्तर देते हुए चिदंबरम ने लोकसभा में कहा कि अर्थव्यवस्था इतनी मजबूत हो चुकी है और राजस्व उगाही इतनी जबरदस्त है कि किसानों की ऋण माफी के लिए 60 हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था आसानी से की जा सकती है।


उन्होंने कहा कि इस योजना पर पहले साल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का सिर्फ 0.25 प्रतिशत ही भार बढ़ेगा और 2011-12 तक यह घटकर मात्र 0.1 प्रतिशत ही रह जाएगा।


इस योजना के लिए अन्य संसाधनों से धन जुटाने का विकल्प आखिरी होगा। उनके  मुताबिक, बैंक इस साल 30 जून तक छोटे और सीमांत किसानों के सभी ऋण खातों का निबटारा कर देंगे।


सरकार इसके एवज में 36 महीनों के भीतर इन बैंकों और वित्तीय संस्थानों को धन उपलब्ध करा देगी। उन्होंने बताया कि 36 महीने यानी 1 जुलाई 2008 से 30 जून 2011 तक पूरे होंगे।


 बैंकों और वित्तीय संस्थानों को मुआवजे के रूप में संसद में वित्त विधेयक के पारित होते ही 30 जून 2008 तक 25 हजार करोड़ रुपए की पहली किस्त का नकद भुगतान कर दिया जाएगा।


इसके बाद 2009-10 के बजट में 15 हजार, 2010-11 के बजट में 12 हजार और 2011-12 के बजट में आठ हजार करोड़ रुपए का भुगतान किया जाएगा। चिदंबरम के उत्तर के बाद सदन ने ध्वनिमत से वर्ष 2008-09 की लेखानुदान मांगें और इससे जुड़े विनियोग विधेयक तथा वर्ष 2007-08 की अनुपूरक अनुदान मांगें और उससे जुड़े विनियोग विधेयक को पारित कर दिया।


इन अनुपूरक मांगों में ही किसानों की ऋण माफी योजना के लिए दस हजार करोड़ रुपए का कोष बनाने का प्रावधान है। चिदंबरम ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और कुछ अन्य सांसदों के किसान ऋण राहत का दायरा बढ़ाने तथा मापदंड बदलने के सुझावों के मद्देनजर अंतिम पैकेज में और रियायत देने का संकेत देते हुए कहा कि सभी के सुझावों पर गंभीरता से विचार होगा।


उन्होंने कहा कि सरकार ने इस बात का पूरा प्रयास किया है कि यह पैकेज विश्वसनीय भेदभाव रहित सरल और जमीनी स्तर पर आसानी से लागू होने लायक हो।


सरकार का यह प्रयास होगा कि बैंकों की शाखाओं के स्तर पर ही शाखा प्रबंधक द्वारा इसका निबटारा हो जाए और किसानों को बेवजह इधर-उधर न भागना पड़े।


 यह पैकेज तैयार करने के लिए वह पिछले ढाई महीने से चर्चा करते रहे हैं और भारतीय रिजर्व बैंक से सभी जानकारियां मांगी गई हैं, जो सरकार को 20 मार्च तक उपलब्ध करा दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि इस पैकेज से तीन करोड़ छोटे और सीमांत तथा एक करोड़ अन्य किसान लाभान्वित होंगे।


वित्त मंत्री ने यह भी भरोसा दिलाया कि उन किसानों को भी ऋणों के बोझ से मुक्त कराने के लिए सरकार गंभीरता से विचार कर रही है, जिन्होंने साहूकारों या अन्य गैर संस्थागत संस्थानों से कर्ज लिया है।


 सरकार पूरा प्रयास करेगी कि ऐसे किसानों को बैंक उतनी रकम मुहैया कराए, जो उन्होंने महाजनों से कर्ज के रूप में ले रखा है। यह एक ऐसा विषय है, जिस पर सबको विचार करना चाहिए कि समस्या से कैसे निजात पाया जा सके।

First Published - March 14, 2008 | 10:14 PM IST

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