केंद्र सरकार को वित्त वर्ष 24 में आरबीआई से अप्रत्याशित अधिशेष हस्तांतरित होने की उम्मीद है। यह जानकारी बिज़नेस स्टैंडर्ड को मिली है। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय बैंक की शुक्रवार को होने वाली बोर्ड की बैठक में आरबीआई के लाभांश पर फैसला लिया जाएगा। यह लाभांश इस महीने स्थानांतरित होने की उम्मीद है। आरबीआई का लाभांश आसानी से वित्त वर्ष 24 के बजट अनुमानों को पार कर जाएगा।
बजट अनुमान में सरकारी बैंकों और वित्तीय संस्थानों का संयुक्त अधिशेष 48,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान जताया गया था। वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘हमें उम्मीद है कि आरबीआई आसानी से अधिशेष की घोषणा करेगी। यह अधिशेष बजट अनुमानों से अधिक होगा।’ हालांकि वरिष्ठ अधिकारी ने राशि पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
अधिशेष होने का प्रमुख कारण यह है कि बीते वर्ष यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के कारण भूराजनीतिक स्थितियां तेजी से बदलने पर आरबीआई ने विदेशी मुद्रा की बिक्री कर जबरदस्त शुद्ध आमदनी अर्जित की। इसलिए केंद्र और विशेषज्ञों का अनुमान है कि आरबीआई जबरदस्त लाभांश की घोषणा करेगा।
ईएमके ग्लोबल की प्रमुख अर्थशास्त्री माधवी अरोड़ा ने कहा, ‘बजट के अनुमान को आसानी से आरबीआई का सालाना लाभांश पार कर जाएगा। यह अनुमानत सकल घरेलू उत्पाद का 0.15 -0.2 फीसदी के करीब होगा। यह करीब 80,000 से 95000 करोड़ रुपये के बीच होगा।’
अरोड़ा के मुताबिक वित्त वर्ष 24 के बजट अनुमानों में 38,000 करोड़ से 40,000 करोड़ रुपये आंका गया था। यह अनुमान सहजता से पार हो जाएगा। अरोड़ा ने अपनी शोध रिपोर्ट में बुधवार को बताया कि आरबीआई ने वित्त वर्ष 23 में अप्रैल से फरवरी तक 206.4 अरब डॉलर की सकल डॉलर बिक्री की जबकि वित्त वर्ष 22 की इस आलोच्य अवधि में 96.7 अरब डॉलर की बिक्री की थी। उन्होंने कहा, ‘डॉलर की ज्यादातर बिक्री वित्त वर्ष 23 में जून से दिसंबर के दौरान सक्रिय रूप से अधिक हुई थी।
उस समय अमेरिकी डॉलर/भारतीय रुपये का औसत मूल्य 80.6 था। हालांकि डॉलर की जिस समय डॉलर की ज्यादातर खरीद हुई थी, उस समय डॉलर का मूल्य 64/65 रुपये के करीब था। इससे आमदनी के बही खाते में विदेशी मुद्रा के हस्तांतरण से अत्यधिक लाभ अर्जित हुआ।’
ऐसा पहली बार नहीं होगा कि आरबीआई अप्रत्याशित रूप से अधिशेष की राशि केंद्र को देगा। आरबीआई के जुलाई-जून वित्त वर्ष से अप्रैल मार्च वित्त वर्ष में 2021 के दौरान स्थानांतरित होने पर 99,122 करोड़ रुपये दिए थे। इस साल में बजट के अनुमान से 45,611 करोड़ रुपये अतिरिक्त दिए गए थे। वित्त वर्ष 22 के बजट अनुमानों में आरबीआई और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से लाभांश 53,510 करोड़ रुपये जताया गया था। आरबीआई ने सर्वाधिक लाभांश वित्त वर्ष 2019-20 में 1.23 लाख करोड़ रुपये सरकार को दिए थे।