निर्यात में मंदी और बढ़ते व्यापार घाटे को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच सरकार ‘गैर-आवश्यक वस्तुओं’ के आयात पर शुल्क (Import Duty) बढ़ा सकती है।
निर्यात में मंदी और बढ़ते व्यापार घाटे को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच सरकार ‘गैर-आवश्यक वस्तुओं’ के आयात पर शुल्क (Import Duty) बढ़ा सकती है।
इंडियन एक्सप्रेस (IE) की रिपोर्ट के अनुसार, कई मंत्रालय ड्यूटी बढ़ोतरी के लिए वस्तुओं को शॉर्टलिस्ट करने की प्रक्रिया में हैं। यह बढ़ी हुई ड्यूटी हालांकि उन्हीं वस्तुओं के आयात पर लगाई जायेगी जिनकी देश में ‘पर्याप्त विनिर्माण क्षमता’ है।
एक अधिकारी ने IE को बताया, “हम उन गैर-आवश्यक वस्तुओं के आयात की समीक्षा कर रहे हैं जिनकी देश में पर्याप्त विनिर्माण क्षमता है।”
सरकार समान हार्मोनाइज्ड सिस्टम ऑफ नोमेनक्लेचर्स (HSN) कोड के तहत आने वाली वस्तुओं पर आयात शुल्क लगाने के लिए अलग करने के तरीकों की भी तलाश कर रही है।
HSN कोड के तहत वस्तुओं की एक विस्तृत श्रृंखला आती है। हालांकि, एक HSN कोड के तहत आने वाली सभी वस्तुओं पर समान दर से टैक्स लगाया जाता है। लेकिन मौजूदा विचार-विमर्श को देखे तो सरकार एक कोड के तहत आने वाली केवल कुछ वस्तुओं पर शुल्क लगाने की योजना बना रही है।
उदाहरण के तौर पर LED लाइट्स के मामले में सरकार केवल सिंगल-वायर LED लाइट के लिए उच्च शुल्क लगाना चाहती है, लेकिन LED बल्बों पर अधिक ड्यूटी नहीं लगाना चाहती। इसके लिए इन दोनों उत्पादों को अलग-अलग कोड में करना होगा लेकिन फिलहाल ये एक ही HSN कोड के तहत आते हैं।
आखिरी बार आयात शुल्क में बड़ी वृद्धि बजट 2022 में हुई थी। तब इयरफ़ोन, लाउडस्पीकर और स्मार्ट मीटर जैसी वस्तुओं पर ड्यूटी को बढ़ाया गया था।