राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (NMP) में सबसे अधिक 6 लाख करोड़ रुपये का योगदान करने वाला भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय तेजी से हरकत में आ गया है। मंत्रालय चालू वित्त वर्ष में राष्ट्रीय राजमार्गों के जरिये 45,000 करोड़ रुपये तक कमाने की योजना बना रहा है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘टोल-ऑपरेट-ट्रांसफर के जरिये 15,000 करोड़ रुपये, बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट (इनविट) के जरिये 15,000 करोड़ रुपये और कुल मिलाकर 44,000 या 45,000 रुपये कमाने का लक्ष्य है।’
हालांकि बजट में रखा गया आधिकारिक लक्ष्य कम है मगर अधिकारी ने कहा कि 45,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य नीति आयोग के साथ बैठक में तय किया गया और मंत्रालय इसे हासिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। बताया जाता है कि सड़क मंत्रालय ने 2022-23 में 15,000 करोड़ रुपये के करीब कमाए थे।
इस वित्त वर्ष में इनविट की दो किस्तें लाने की योजना बनाई गई है और मंत्रालय ने निवेश के इस नए साधन में खुदरा निवेशकों की भागीदारी बढ़ाने का भी मन बनाया है। पिछले इनविट में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने बॉन्ड के जरिये 1,500 करोड़ रुपये कमाए थे। उसमें 25 फीसदी बॉन्ड खुदरा निवेशकों के लिए रखे गए थे।
इस बीच केंद्र भी निकट भविष्य में अपने खजाने से नई योजनाओं में निवेश करता रहेगा क्योंकि बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर के मॉडल की तरफ निजी क्षेत्र की कंपनियों का रुख ठंडा रहा है। अधिकारी ने कहा, ‘एनएचएआई की नई परियोजनाओं में से 80 फीसदी हाइब्रिड एन्युटी मॉडल पर चलाई जाएंगी और 20 फीसदी को इंजीनियरिंग, खरीद एवं निर्माण (ईपीसी) मॉडल से पूरा किया जाएगा। लेकिन राजमार्ग के उलट ज्यादातर सड़क परियोजनाएं ईपीसी के जरिये ही पूरी होंगी।’
2021 में नीति आयोग ने केंद्र द्वारा संचालित एक चौथाई राजमार्गों के मुद्रीकरण की परिकल्पना की थी। उसने कहा था, ‘मुद्रीकरण के लिए चिह्नित राजमार्गों की कुल लंबाई 26,700 किलोमीटर है, जो कुल राजमार्गों का करीब 22 फीसदी हिस्सा है। इसमें निजी क्षेत्र द्वारा संचालित टोल राजमार्ग नहीं हैं।’
2021 में नीति आयोग द्वारा जारी पाइपलाइन के मुताबिक उसका करीब 26 फीसदी हिस्सा राजमार्गों का ही है, जिससे 1.6 लाख करोड़ रुपये मिल सकते हैं। लेकिन क्षेत्रवार योगदान के आंकड़े बदल गए हैं क्योंकि जहाजरानी जैसे क्षेत्रों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और रेल मंत्रालय जैसे कुछ क्षेत्रों का प्रदर्शन बहुत खराब रहा, जबकि रेल से पाइपलाइन में दूसरे सबसे बड़े योगदान की उम्मीद थी।
भारतमाला परियोजना के तहत कई महंगी परियोजनाएं पूरी होने को हैं, इसलिए मंत्रालय को ज्यादा कीमत मिलने की उम्मीद है क्योंकि टोल से आय बढ़नी तय है। अधिकारी ने बताया, ‘मौजूदा अनुमान के मुताबिक एनएचएआई को टोल से होने वाली कमाई 2028-29 के अंत तक बढ़कर 1.25 लाख करोड़ रुपये हो जाएगी।’ पिछले वित्त वर्ष में टोल आय 47,000 करोड़ रुपये रही थी।
मंत्रालय को यह उम्मीद भी है कि वह 14,400 किलोमीटर राजमार्ग निर्माण यानी रोजाना 40 किलोमीटर निर्माण का अपना लक्ष्य हासिल कर लेगा। पहले आधिकारिक लक्ष्य 12,500 किलोमीटर था, जिसे सड़क मंत्री नितिन गडकरी की नाखुशी देखते हुए बढ़ा दिया गया।