रेटिंग एजेंसी क्रिसिल का कहना है कि फरवरी 2021 के मध्य से कोविड-19 मामलों में आ रही तेजी से रत्न एवं आभूषण ज्यादा और वाहन डीलरशिप पर प्रभाव देखा जा सकता है, जिन्हें दबी मांग सामने आने से अब तक लाभ मिल रहा था।
क्रिसिल रेटिंग्स में वरिष्ठ निदेशक सोमशेखर वेमुरी का मानना है कि कोविड-19 मामलों में तेज वृद्घि और व्यवसायों पर सख्ती मांग में सुधार की राह में चुनौतीपूर्ण कदम हैं। इनसे
साख गुणवत्ता से संबंधित परिदृश्य प्रभावित हो सकता है।
अध्ययन में शामिल 42 में से सिर्फ 6 क्षेत्र (रेटेड डेट में 4 प्रतिशत योगदान) कोविड-19 में फिर से तेजी के लिहाज से ज्यादा कमजोर हैं, जबकि 20 मध्यम रूप से संवेदनशील हैं। एयरलाइन, एयरपोर्ट ऑपरेटर, हॉस्पिटैलिटी और रिटेल ज्यादा संवेदनशील क्षेत्रों का मुख्य हिस्सा हैं। संवेदनशील खंड में शामिल अन्य क्षेत्र हैं रत्न एवं आभूषण और ऑटोमोटिव डीलर्स।
इस बीच, क्रिसिल ने कहा है कि अक्टूबर 2020-मार्च 2021 के लिए अपग्रेड-डाउनग्रेड (के्रडिट रेशियो कहा जाता है) का अनुपात वित्त वर्ष 2021 की पहली छमाही के 0.54 से सुधरकर वित्त वर्ष 2021 की दूसरी छमाही में 1.33 हो गया। तीसरी तिमाही में मांग सुधरने और जीडीपी में तेजी आने से मदद मिली।
बजट 2021-22 में इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने, मजबूत कृषि प्रदर्शन और ग्रामीण मांग के साथ साथ टीके की पेशकश से भारतीय उद्योग जगत की ऋण गुणवत्ता में लगातार सुधार की उम्मीद बढ़ी है। हालांकि कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर से आशंका गहरा गई है।
अगस्त में ऋण भुगतान पर छूट और दिसंबर 2020 में चूक मानकों में नरमी जैसे नीतिगत और नियामकीय उपायों के बावजूद कुछ डाउनग्रेड भी दर्ज किए गए। इससे लॉकडाउन की तेजी के बीच कुछ अस्थायी राहत मिली।
क्रिसिल रेटिंग में मुख्य रेटिंग अधिकारी सुबोध राय ने कहा, ‘इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) से वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में व्यावसायिक गतविधि शुरू करने में जरूरी नकदी सहायता मिली।