GDP Growth: भारत पर कुल 50 फीसदी शुल्क लगाने की अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की बुधवार की घोषणा देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के लिए झटका हो सकती है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इससे चालू वित्त वर्ष में जीडीपी की वृद्धि दर 35 से 60 आधार अंक तक कम हो सकती है। देसी उपभोग बढ़ने से बेशक अर्थव्यवस्था को सहारा मिलेगा मगर यह कदम फिर भी धक्का देगा, जिससे बचाने के लिए सरकार को कदम उठाने पड़ सकते हैं।
एचडीएफसी बैंक की प्रधान अर्थशास्त्री साक्षी गुप्ता ने कहा, ‘अगर 50 फीसदी शुल्क लगा तो 6.3 फीसदी वृद्धि के हमारे बुनियादी अनुमान में 40 से 60 आधार अंक कमी आ सकती है।’ उन्होंने कहा कि ट्रंप शुल्क का असर कई पहलुओं पर निर्भर करेगा, जिनमें चीन पर लगने वाला शुल्क, रुपये में गिरावट की रफ्तार और देसी अर्थव्यवस्था में सुधार शामिल हैं।
मॉर्गन स्टैनली रिसर्च के एक विश्लेषण में कहा गया है कि अगर सभी वस्तुओं के निर्यात पर 50 फीसदी शुल्क लागू किया गया तो वृद्धि पर उसका प्रत्यक्ष प्रभाव 60 आधार अंकों का होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले 12 महीनों की अवधि में अप्रत्यक्ष प्रभाव भी लगभ्ज्ञग इतना ही होगा। मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘अगर नकारात्मक जोखिम बना रहा तो घरेलू वृद्धि को सहारा देने के लिए नीतिगत समर्थन बढ़ाया जाएगा।’ वित्त वर्ष 2025 में भारत से अमेरिका को कुल 86.5 अरब डॉलर का निर्यात हुआ जो जीडीपी का 2.2 फीसदी है।
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कई अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि ट्रंप की शुल्क की घोषणा टिक नहीं पाएगी और 21 दिन के दरम्यान दोनों देशों के बीच समझौता हो सकता है। मगर आज के हालात में तो जीडीपी वृद्धि सुस्त ही होगी। यूबीएस सिक्योरिटीज इंडिया की मुख्य अर्थशास्त्री तन्वी गुप्ता जैन ने कहा, ‘हमें नॉमिनल जीडीपी वृद्धि पर ट्रंप शुल्क का असर भांपना चाहिए क्योंकि कंपनियों की आय में बढ़ोतरी, ऋण की मांग और राजकोषीय खाते के लिहाज से यह महत्त्वपूर्ण है।
अगर मौजूदा 50 फीसदी व्यापार शुल्क लागू रहे तो वित्त वर्ष 2026 के लिए चालू खाते का घाटा जीडीपी के 0.8 फीसदी पर रहने का हमारा अनुमान भी बिगड़ सकता है। तब इसमें 50 आधार अंक तक इजाफा हो सकता है। लेकिन मुद्रा के लिहाज से देखा जाए तो पूंजी प्रवाह सबसे अहम होगा।’
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यूबीएस सिक्योरिटीज ने वित्त वर्ष 2026 के लिए जीडीपी वृद्धि का अपना अनुमान 6.4 फीसदी पर ही बनाए रखा है। गुप्ता ने कहा कि वित्त वर्ष 2026 में जीडीपी वृद्धि 35 आधार अंक और वित्त वर्ष 2027 में 60 आधार अंक कम रह सकती है। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘अगर कोई समझौता नहीं हुआ और निर्यातकों के लिए पैकेज भी नहीं आया तब चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर 40 आधार अंक घट जाएगी।’
गोल्डमैन सैक्स की एक रिपोर्ट में अनुमान जाहिर किया गया है कि नया अतिरिक्त शुल्क लागू हुआ तो इस कैलेंडर वर्ष के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि में 0.6 फीसदी तक गिरावट आ सकती है। उसमें कहा गया है, ‘हमें कैलेंडर वर्ष 2025 और 2026 के लिए वृद्धि के अपने अनुमानों में गिरावट का जोखिम नजर आ रहा है।’
एमके स्ट्रैटजी की एक रिपोर्ट में कहा गया कि अमेरिकी बाजार को निर्यात करने वाले भारतीय निर्यातक 25 फीसदी शुल्क और लगाए जाने पर तबाह हो जाएंगे। इससे अमेरिका को निर्यात लगभग पूरी तरह ठप हो जाएगा और कपड़ा तथा आभूषण जैसे क्षेत्रों पर बहुत असर पड़ेगा, जहां भारी तादाद में कर्मचारी काम करते हैं।