सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) सेक्टर में ज्यादा खपत होने के कारण भारत में प्राकृतिक गैस की सालाना खपत 2030 तक 60 प्रतिशत बढ़कर 103 अरब घन मीटर (बीसीएम) होने की संभावना है। साथ ही इंटरनैशनल एनर्जी एजेंसी (आईईए) ने यह भी कहा है कि इस दौरान भारत का गैस आयात बढ़कर दोगुना हो जाएगा।
आईईए की ओर से जारी ‘द इंडिया गैस मार्केट रिपोर्ट : आउटलुक टु 2030’ में कहा गया है कि इससे भारत में गैस की खपत मोटे तौर पर सऊदी अरब में हो रही मौजूदा खपत के बराबर हो जाएगी।
सीजीडी के अलावा कंप्रेस्ड नैचुरल गैस (सीएनजी) का ढांचा बढ़ने और छोटे उद्योग चलाने वाले उपभोक्ताओं द्वारा उपयोग बढ़ाने के कारण भी भारत में गैस की मांग बढ़ रही है। इसमें कहा गया है, ‘भारी औद्योगिक और विनिर्माण क्षेत्रों जैसे लोहा और स्टील उत्पादन क्षेत्र भी मांग बढ़ा रहे हैं। इस अवधि के दौरान कुल मिलाकर इस क्षेत्र की मांग 15 बीसीएम सालाना बढ़ जाएगी।’
बहरहाल लक्षित रणनीतियों और नीतिगत हस्तक्षेपों से गैस खपत 2030 तक करीब 120 बीसीएम सालाना तक बढ़ सकता है, जो इस समय पूरे दक्षिण अमेरिका महाद्वीप में हो रही खपत के बराबर होगा। भारत में प्राकृतिक गैस की मांग 2023 और 2024 में 10 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ी है। बुनियादी ढांचे के तेज विकास, घरेलू उत्पादन बढ़ने और वैश्विक गैस बाजार की स्थिति में सुधार के चलते यह वृद्धि हुई है।
भारत में 2019 के बाद कंप्रेस्ड नैचुरल गैस (सीएनजी) स्टेशनों की संख्या करीब 4 गुना बढ़ी है। आवासीय गैस कनेक्शन दोगुने से अधिक हो गए हैं। साथ ही पारेषण पाइपलाइन नेटवर्क 40 प्रतिशत बढ़ा है।आईईए को उम्मीद है कि सीएनजी स्टेशनों और आवासीय कनेक्शनों की संख्या 2030 तक एक बार फिर दोगुनी हो जाएगी क्योंकि गैस ट्रांसमिशन ग्रिड 50 प्रतिशत और बढ़ने का अनुमान है।
मांग में लगातार वृद्धि के बावजूद आईईए ने अनुमान लगाया है कि आयात में वृद्धि की रफ्तार, घरेलू उत्पादन को पीछे छोड़ देगी। 2023 और 2024 में तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) का आयात 10 प्रतिशत बढ़ा है। 2022 में 6 प्रतिशत तेज गिरावट के बाद ऐसा हुआ। कुल मिलाकर 2023 तक 10 वर्षों में एलएनजी का आयात 70 प्रतिशत बढ़ा है और यह 2024 में 36 बीसीएम हो गया। यह 2020 में हुए पहले के रिकॉर्ड निर्यात के बराबर है और देश एलएनजी का चौथा बड़ा वैश्विक आयातक बन गया है।
बहरहाल 2023 में देश में कुल मांग की 50 प्रतिशत आपूर्ति घरेलू उत्पादन से हुई। घरेलू आपूर्ति 2030 तक धीरे धीरे यह बढ़कर सिर्फ 38 बीसीएम तक या 2023 के स्तर से 8 प्रतिशत बढ़ेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू उत्पादन में सीमित वृद्धि के कारण भारत का एलएनजी आयात 2030 तक दोगुने से अधिक बढ़ाकर करीब 65 बीसीएम सालाना करना पड़ेगा, जिससे बढ़ती मांग पूरी की जा सके।