मार्च में भारत में ईंधन की खपत पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 0.6 प्रतिशत कम हुई है। पेट्रोलियम प्लानिंग ऐंड एनालिसिस सेल (पीपीएसी) के आंकड़ों से पता चलता है कि पेट्रोलियम कोक का इस्तेमाल कम होने की वजह से ऐसा हुआ है।
मार्च 2024 में ईंधन की कुल खपत 210.9 लाख टन रही है, जो मार्च 2023 के 212.2 लाख टन से कम है। वित्त वर्ष 2024 (2023-24) में ईंधन की खपत 4.6 प्रतिशत बढ़ी है। हालांकि यह वृद्धि वित्त वर्ष 2023 में हुई 10.57 प्रतिशत वृद्धि की तुलना में कम है।
सामान्यतया तेल की मांग फरवरी के आखिर से बढ़नी शुरू होती है और भारत में तापमान बढ़ने के साथ इसमें बढ़ोतरी जारी रहती है। मार्च महीने में इसके पिछले महीने की तुलना में खपत में 13.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
देश में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले डीजल की बिक्री मार्च में 3 प्रतिशत बढ़कर 80.3 लाख टन हो गई है। पिछले 12 महीनों में बिक्री की स्थिति देखें तो यह मई 2023 में 82.1 लाख टन के अब तक के सर्वोच्च स्तर पर थी।