facebookmetapixel
दिवाली के बाद किस ऑटो शेयर में आएगी रफ्तार – Maruti, Tata या Hyundai?Gold Outlook: जनवरी से फिर बढ़ेगा सोना! एक्सपर्ट बोले- दिवाली की गिरावट को बना लें मुनाफे का सौदाGold ETF की नई स्कीम! 31 अक्टूबर तक खुला रहेगा NFO, ₹1000 से निवेश शुरू; किसे लगाना चाहिए पैसाब्लैकस्टोन ने खरीदी फेडरल बैंक की 9.99% हिस्सेदारी, शेयरों में तेजीभारत का फ्लैश PMI अक्टूबर में घटकर 59.9 पर, सर्विस सेक्टर में रही कमजोरीSIP Magic: 10 साल में 17% रिटर्न, SIP में मिडकैप फंड बना सबसे बड़ा हीरोनारायण मूर्ति और नंदन नीलेकणि ने Infosys Buyback से बनाई दूरी, जानिए क्यों नहीं बेच रहे शेयरस्टील की कीमतें 5 साल के निचले स्तर पर, सरकार ने बुलाई ‘ओपन हाउस’ मीटिंगईलॉन मस्क की Starlink भारत में उतरने को तैयार! 9 शहरों में लगेगा इंटरनेट का नया नेटवर्कट्रंप ने कनाडा के साथ व्यापार वार्ता तोड़ी, TV ad के चलते किया फैसला

फॉक्सकॉन कर्मियों को भारत से बुलाना है संकेत : मेमानी

भले ही भू-राजनीतिक अनिश्चितता से जोखिम कम हो जाए लेकिन मजबूत घरेलू मांग के कारण चालू वित्त वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में 6.4 से 6.7 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है।

Last Updated- July 03, 2025 | 10:42 PM IST
Foxconn
प्रतीकात्मक तस्वीर

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के नव नियुक्त अध्यक्ष राजीव मेमानी ने चीन के फॉक्सकॉन से अपने देश के कर्मचारियों को वापस बुलाने और दुर्लभ खनिजों की आपूर्ति रोकने के मामले में गुरुवार को कहा कि यह देशों के लिए अपनी विनिर्माण व आपूर्ति श्रृंखला कुछ देशों तक सीमित नहीं करने के लिए संकेत है।

मेमानी ने नई दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मुझे लगता है कि इन घटनाओं के कई कारक हैं। हमारे लिए असलियत में यह पता लगाना बेहद मुश्किल है कि किस कारक ने तूल दिया। यह होम्योपैथिक दवा की तरह है – आपको नहीं पता कि किस कारक ने घटना को बढ़ाया है और समस्या (दर्द) कहां है। आपको मूल कारण को खंगालना होगा। यदि आप इन सभी के इतिहास को देखें तो जब भी क्वाड (चार देशों के समूह भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका) की बैठक होनी होती है, कुछ कार्रवाई होती है। ये एक तरह से संदेश हैं। यह भारत और अन्य सभी देशों के लिए संकेत है कि यदि आपके विनिर्माण और संसाधन कुछ देशों में बहुत केंद्रित हैं तो आप यह जोखिम उठाते हैं।’

मेमानी के अनुसार भले ही भू-राजनीतिक अनिश्चितता से जोखिम कम हो जाए लेकिन मजबूत घरेलू मांग के कारण चालू वित्त वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में 6.4 से 6.7 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है। उनका मानना है कि देश की अर्थव्यवस्था में वृद्धि को समर्थन देने वाले कारक अच्छे मॉनसून का पूर्वानुमान और रिजर्व बैंक के सीआरआर (नकद आरक्षित अनुपात) में कटौती से निकलने वाली बढ़ी हुई नकदी और ब्याज दर में कमी आदि है। केंद्रीय बैंक ने पिछले महीने नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 100 आधार अंकों की कटौती की घोषणा की। इससे अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों को उधार देने के लिए बैंकिंग प्रणाली में 2.5 लाख करोड़ रुपये की नकदी आ जाएगी। बेंचमार्क ब्याज दर में 50 आधार अंकों की कटौती कर 5.5 प्रतिशत कर दी गई थी।  मेमानी ने 2025-26 के दौरान भारत के लिए सीआईआई के सकल घरेलू विकास (जीडीपी) के पूर्वानुमान पर एक सवाल के जवाब में कहा, ‘हम (आर्थिक वृद्धि) 6.4 से 6.7 प्रतिशत की सीमा में होने की उम्मीद करते हैं।’

उन्होंने कुछ जोखिम स्पष्ट होने के मामले में कहा, ‘इनमें से बहुत से बाह्य व्यापार जोखिम से संबंधित हैं। मुझे लगता है कि इनमें से बहुत से कारकों को शामिल किया गया है और कुछ सकारात्मक पहलू भी हैं। इसलिए उम्मीद है कि वे संतुलित हो जाएंगे। सीआईआई के दृष्टिकोण से हम 6.4 से 6.7 प्रतिशत की वृद्धि देख रहे हैं।’

First Published - July 3, 2025 | 10:30 PM IST

संबंधित पोस्ट