वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत का वस्तु निर्यात दिसंबर, 2024 में सालाना आधार पर करीब एक प्रतिशत घटकर 38.01 अरब डॉलर याने 3,28,077 करोड़ रुपये रह गया, जबकि व्यापार घाटा कम होकर 21.94 अरब डॉलर रह गया। यह लगातार दूसरा महीना है जबकि निर्यात में गिरावट आई है।
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर, 2024 में आयात सालाना आधार पर 5% बढ़कर 59.95 अरब डॉलर हो गया। चालू वित्त वर्ष (2024-25) के पहले नौ माह (अप्रैल-दिसंबर) के दौरान निर्यात 1.6 प्रतिशत बढ़कर 321.71 अरब डॉलर और आयात 5.15 प्रतिशत बढ़कर 532.48 अरब डॉलर हो गया है। अप्रैल-दिसंबर के दौरान व्यापार घाटा यानी आयात व निर्यात के बीच का अंतर बढ़कर 210.77 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जो गत वित्त वर्ष 2023-24 की इसी अवधि में 189.74 अरब अमेरिकी डॉलर था।
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने नवीनतम आंकड़ों के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि वस्तुओं तथा सेवाओं दोनों में भारत का निर्यात अन्य देशों की तुलना में बेहतर चल रहा है। उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘ यह हमारे निर्यात की जुझारू क्षमता को दर्शाता है। चालू वित्त वर्ष की सभी तीन तिमाहियों (अप्रैल-दिसंबर) में भी हमने बेहतर प्रदर्शन किया है। हम पेट्रोलियम के अलावा निर्यात में काफी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।’’
मंत्रालय ने हाल ही में 20 देशों में भारतीय दूतावासों की वाणिज्यिक शाखाओं के साथ बैठक की। इसमें निर्यात को प्रभावित करने वाले मुद्दों तथा उन्हें हल करने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया गया। इन 20 देशों का भारत के निर्यात में करीब 60 प्रतिशत हिस्सा है। बर्थवाल ने कहा कि पिछले साल दिसंबर में जिन क्षेत्रों ने निर्यात में अच्छी वृद्धि दर्ज की है उनमें इलेक्ट्रॉनिक्स, इंजीनियरिंग और औषधि शामिल हैं।
नवंबर, 2024 के लिए सोने तथा चांदी के आयात के आंकड़ों में संशोधन के बारे में पूछे जाने पर सचिव ने कहा कि सुसंगत आंकड़े प्रकाशित करने के लिए एक मजबूत तंत्र बनाने को समिति का गठन किया गया है। सरकार ने नवंबर, 2024 के लिए सोने के आयात के आंकड़ों को संशोधित किया है। इसे पांच अरब अमेरिकी डॉलर घटाकर अब 9.84 अरब डॉलर किया गया है। बर्थवाल ने कहा, ‘‘ आंकड़ों में संशोधन होता रहता है…हम आंकड़ों को जारी करने की वैश्विक प्रथाओं का पालन कर रहे हैं। मंत्रालय ने सोने के आयात के आंकड़ों में गड़बड़ी के बाद सटीक आंकड़ा प्रकाशित करने के लिए एक मजबूत प्रणाली बनाने के लिए पहले ही एक समिति का गठन किया है। समिति में वाणिज्य और वित्त मंत्रालयों के अधिकारी शामिल हैं। समिति यह सुनिश्चित करने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया पर काम कर रही है जिससे डीजीसीआईएस और डीजी (सिस्टम) के बीच बेहतर समन्वय हो।
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने बुधवार को कहा कि सरकार देश के व्यापार आंकड़ों की बेहतर जानकारी प्राप्त करने के लिए कृत्रिम मेधा (AI) की मदद से आंकड़ा विश्लेषण मंच विकसित करने पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय पहले से ही विभिन्न क्षेत्रों के आंकड़ों का विश्लेषण कर रहा है और पिछले वर्षों के साथ व्यापक स्तर पर इसकी तुलना कर रहा है। बर्थवाल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम परियोजना पर काम कर रहे हैं। इसे किसी भी समय पेश किया जा सकता है…हम आपको आंकड़ों के बारे में बेहतर जानकारी देंगे।’’
भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात दिसंबर, 2024 में 35.11 प्रतिशत बढ़कर 3.58 अरब डॉलर हो गया। वाणिज्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी। यह पिछले 24 माह में निर्यात का उच्चस्तर है। यह मजबूत प्रदर्शन देश के इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र की बढ़ती रफ्तार को दर्शाता है। अनुकूल सरकारी नीतियों, बढ़ती वैश्विक मांग और घरेलू उत्पादन क्षमता के विस्तार से इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात को बढ़ावा मिला है।
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में लगातार वृद्धि हुई है। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, “दिसंबर, 2024 में इलेक्ट्रॉनिक सामान का निर्यात अबतक का सबसे अधिक रहा है।’’ इस साल जनवरी से इलेक्ट्रॉनिक सामान के निर्यात में अच्छी वृद्धि दर्ज की जा रही है। अक्टूबर और नवंबर में ये निर्यात क्रमशः 3.43 अरब डॉलर और 3.47 अरब डॉलर था।
इसी तरह, भारत के इंजीनियरिंग और फार्मास्युटिकल निर्यात में भी जनवरी से वृद्धि दर्ज की जा रही है। पिछले महीने यह 0.63 प्रतिशत बढ़कर 2.49 अरब डॉलर हो गया। इंजीनियरिंग निर्यात दिसंबर में 8.35 प्रतिशत बढ़कर 84 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया। यह देश के कुल निर्यात का लगभग 25 प्रतिशत है।
मंत्रालय ने कहा कि तिमाही आधार पर भी देश का निर्यात लगातार बढ़ रहा है और इसने ‘नया रिकॉर्ड उच्चस्तर’ दर्ज किया है। चालू वित्त वर्ष (2024-25) की अप्रैल-जून, जुलाई-सितंबर, अक्टूबर-दिसंबर तिमाहियों के दौरान निर्यात क्रमशः 198.5 अरब डॉलर, 196.1 अरब डॉलर और 208 अरब डॉलर रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाहियों में क्रमश: 184.5 अरब डॉलर, 190.5 अरब डॉलर और 193.4 अरब डॉलर था।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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