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EPFO: जून में नई औपचारिक भर्तियों में मामूली गिरावट, महिलाओं और युवाओं की भागीदारी में सुधार

ईपीएफओ के आंकड़े महत्त्वपूर्ण माने जाते हैं क्योंकि सिर्फ औपचारिक नौकरियां करने वालों को ही सामाजिक सुरक्षा के लाभ मिलते हैं और इन्हें श्रम कानूनों के तहत सुरक्षा मिलती है।

Last Updated- August 20, 2024 | 10:44 PM IST
Future jobs in India

जून महीने में मासिक नई औपचारिक भर्तियों की संख्या में मामूली कमी आई है। इससे औपचारिक श्रम बाजार में सुस्ती के संकेत मिलते हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा मंगलवार को जारी ताजा पेरोल आंकड़ों के मुताबिक कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) में नए मासिक सबस्क्राइबरों की संख्या 0.69 फीसदी घटकर 10.2 लाख रह गई है, जो मई में 10.3 लाख थी।

ईपीएफओ के आंकड़े महत्त्वपूर्ण माने जाते हैं क्योंकि सिर्फ औपचारिक नौकरियां करने वालों को ही सामाजिक सुरक्षा के लाभ मिलते हैं और इन्हें श्रम कानूनों के तहत सुरक्षा मिलती है।

जून के 10.2 लाख नए ईपीएफ सबस्क्राइबर में से 18 से 25 साल के युवाओं की हिस्सेदारी 59.14 फीसदी (6,06,000) रही है। मई की तुलना में यह मामूली अधिक है, जब इस आयु वर्ग में 58.17 फीसदी (6,00,348) नए सबस्क्राइबर थे। यह महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि इस आयु वर्ग के सबस्क्राइबर सामान्यतया श्रम बाजार में आने वाले नए लोग होते हैं, जिससे तेजी का पता चलता है।

इसके साथ ही नए सबस्क्राइबरों में महिलाओं की हिस्सेदारी 29 फीसदी (2,97,559) थी, जो मई के 25 फीसदी (2,58,970) की तुलना में ज्यादा है। इस सुधार से श्रमबल में महिलाओं की हिस्सेदारी बेहतर होने का पता चलता है। बहरहाल शुद्ध पेरोल में वृद्धि जून में बढ़कर 19.2 लाख हो गई है, जो मई में 16.8 लाख थी। शुद्ध मासिक पेरोल के आंकड़े अस्थाई प्रकृति के होते हैं।

First Published - August 20, 2024 | 10:44 PM IST

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