facebookmetapixel
Weather Update Today: उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड और घना कोहरा, जनजीवन अस्त-व्यस्त; मौसम विभाग ने जारी की चेतावनीShare Market Update: बढ़त के साथ खुला बाजार, सेंसेक्स 200 अंक ऊपर; निफ्टी 26 हजार के पारStocks To Watch Today: डील, डिमांड और डिफेंस ऑर्डर, आज इन शेयरों पर रहेगी बाजार की नजरघने कोहरे की मार: दिल्ली समेत पूरे उतरी क्षेत्र में 180 से अधिक उड़ानें रद्द, सैकड़ों विमान देरी से संचालितनए साल पर होटलों में अंतिम समय की बुकिंग बढ़ी, पर फूड डिलिवरी करने वाले गिग वर्कर्स के हड़ताल से दबावबांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन, विदेश मंत्री एस जयशंकर ढाका जाएंगे अंतिम संस्कार मेंकमजोर गर्मी-लंबे मॉनसून के चलते 2025 में सुस्त रहा उपभोक्ता टिकाऊ सामान बाजार, पर GST कटौती से राहत‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बदला देश का सुरक्षा सिद्धांत, अब सीधे वार के लिए भारत तैयारउम्मीदों पर सवार ग्रामीण अर्थव्यवस्था! GST राहत और बढ़ी खपत ने संवारा, आय को लेकर उम्मीदें मजबूतMapmyIndia के मैपल्स ऐप में मेट्रो, रेल व बस रूट जुड़े, पब्लिक ट्रांसपोर्ट हुआ और आसान

FY 2024 के दौरान करीब 7% रह सकती है अर्थव्यवस्था की वृद्धि

IMF, विश्व बैंक और ADB जैसी वैश्विक एजेंसियों ने आर्थिक वृद्धि दर बहुत कम 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।

Last Updated- January 04, 2024 | 10:43 PM IST
Indian economic growth

चालू वित्त वर्ष के दौरान अर्थव्यवस्था की वृद्धि 7 प्रतिशत रह सकती है, जैसा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने अनुमान लगाया है।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) शुक्रवार को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पहला अग्रिम अनुमान जारी करेगा। बजट में राजकोषीय घाटे जैसे विभिन्न आर्थिक अनुपातों की गणना करने के लिए यह कवायद की जाती है। इस बार फरवरी में अंतरिम बजट पेश किया जाएगा, क्योंकि अगले कुछ महीने में नरेंद्र मोदी सरकार अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करने जा रही है।

बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में ज्यादातर अर्थशास्त्रियों ने वित्त वर्ष 24 के दौरान 7 प्रतिशत के करीब या उससे ऊपर आर्थिक वृद्धि का अनुमान लगाया है। उल्लेखनीय है कि अगर जीडीपी वृद्धि दर 7 प्रतिशत रहती है तो इसका मतलब यह है कि दूसरी छमाही में वृद्धि दर सुस्त होकर 6.3 प्रतिशत रहेगी, जो पहली छमाही में 7.7 प्रतिशत थी।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), विश्व बैंक और एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) जैसी वैश्विक एजेंसियों ने आर्थिक वृद्धि दर बहुत कम 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।

बहरहाल एजेंसियों के अनुमान तब आए थे जब दूसरी तिमाही के जीडीपी के आंकड़े नहीं आए थे। दूसरी तिमाही में 7.6 प्रतिशत वृद्धि के आंकड़े आने के बाद ज्यादातर विशेषज्ञों ने वित्त वर्ष 24 में आर्थिक प्रसार के अपने आंकड़े बदले हैं। उदाहरण के लिए एशियन डेवलपमेट बैंक ने वृद्धि अनुमान पहले के 6.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है।

इक्रा ने पहले 6.2 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया था, जिसे बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है। वहीं इंडिया रेटिंग्स ने वृद्धि दर का अनुमान पहले के 6.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है। भारतीय स्टेट बैंक के ग्रुप चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर सौम्यकांति घोष ने साल के दौरान सबसे ज्यादा 7.2 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया है।

Also read: नए सेक्टर्स के लिए PLI योजना पर फिलहाल कोई विचार नहीं: DPIIT सेक्रेटरी

उन्होंने कहा कि अगर हम रिजर्व बैंक के 10 साल के आंकड़ो को देखें तो वित्त वर्ष 23 को छोड़कर दिसंबर में रिजर्व बैंक द्वारा लगाए गए अंतिम अनुमान की तुलना में अग्रिम अनुमान उसके बराबर या थोड़ा अधिक रहा है। उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि इस साल भी अग्रिम अनुमान वित्त वर्ष 24 के लिए रिजर्व बैंक के अनुमान से थोड़ा अधिक रहेगा।’

पीडब्ल्यूसी में इकनॉमिक एडवाइजरी सर्विसेज के पार्टनर रानेन बनर्जी ने कहा कि अग्रिम अनुमान 6.8 से 7 प्रतिशत के बीच रह सकता है। उन्होंने कहा कि व्यापार घाटा कम होने और सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय जारी रखने से जीडीपी के आंकड़ों को समर्थन मिलेगा।

बैंक आफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि एनएसओ के आंकड़े दिलचस्प होंगे क्योंकि ये सामान्यतया बाहरी गणना पर आधारित होते हैं। उन्होंने कहा, ‘पहली दो तिमाहियां असाधारण रूप से अच्छी रही हैं और अंतिम दो तिमाहियां उस तरह की नजर नहीं आएंगी।’ उनका कहना है कि चिंता कृषि क्षेत्र से हो सकती है क्योंकि खरीफ की फसल कम रहने की संभावना है और रबी में भी बोआई पहले जितनी तेज नहीं है।

बार्कलेज में अर्थशास्त्री राहुल बाजोरिया ने कहा कि वृद्धि की रफ्तार बनी हुई है और इसकी वजह घरेलू मांग है और मांग के विभिन्न संकेतक अभी भी मजबूत नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि घरेलू वृद्धि को जोखिम व्यापक तौर पर बाहरी स्रोतों से आ रहा है।

डेलॉयट इंडिया में पार्टनर संजय कुमार ने कहा कि कुछ अर्थशास्त्री उम्मीद कर रहे हैं कि वित्त वर्ष 24 की दूसरी छमाही में कुछ सुस्ती आ सकती है। उन्होंने कहा, ‘अगर इसे भी शामिल करें तो हम 7 प्रतिशत वृद्धि हासिल कर सकते हैं। यह वैश्विक प्रतिकूलताएं रहते हुए भी है, जो अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत है।’

First Published - January 4, 2024 | 10:43 PM IST

संबंधित पोस्ट