facebookmetapixel
2025 में ₹7 लाख करोड़ डूबने के बाद Nifty IT Index में आई सबसे बड़ी तेजी, आगे क्या करें निवेशकट्रंप बोले- मेरे पास अब तक के सबसे अच्छे नंबर हैं, तीसरी बार चुनाव लड़ना पसंद करूंगा15 लाख कर्मचारियों वाली Amazon करेगी 30,000 की छंटनी, खर्च घटाने की बड़ी मुहिम शुरूStock Market today: गिरावट के साथ खुला बाजार, सेंसेक्स 153 अंक नीचे, निफ्टी भी फिसलाStocks to Watch today: टाटा कैपिटल से लेकर अदाणी एनर्जी तक, इन शेयरों पर रहेगी आज नजर₹70,000 करोड़ की वैल्यूएशन वाली Lenskart ला रही है 2025 का पांचवां सबसे बड़ा IPOरूसी तेल पर पश्चिमी देशों का दोहरा रवैया, अमेरिकी दबाव के बीच जयशंकर का पलटवारकोयला मंत्रालय ने भूमिगत कोयला गैसीकरण के लिए मसौदा दिशानिर्देश जारी किएबीमा क्षेत्र की बिक्री बढ़ी पर शुरुआती चुनौतियांइलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम के तहत 5,532 करोड़ रुपये की 7 परियोजनाएं मंजूर

पटरी पर आ रही अर्थव्यवस्था!

Last Updated- December 15, 2022 | 3:23 AM IST

देश की अर्थव्यवस्था अब लॉकडाउन खोले जाने के अगले चरण की ओर बढ़ रही है। इस बीच अर्थव्यवस्था से जुड़े साप्ताहिक  संकेतकों के मुताबिक रेलवे ने 2019 के मुकाबले वस्तुओं की ढुलाई से ज्यादा कमाई शुरू कर दी है और मुंबई में भारी यातायात की स्थिति दिखने लगी है।
अनलॉक प्रक्रिया का तीसरा चरण इस महीने शुरू हुआ है। मार्च में कोविड-19 का प्रसार रोकने के लिए सख्त लॉकडाउन लगाया गया था, जिसके बाद देश भर में धीरे-धीरे अनलॉक की प्रक्रिया चल रही है। कई आधिकारिक संकेतकों मसलन व्यापार आंकड़े और सकल घरेलू
उत्पाद (जीडीपी) मासिक या तिमाही आधार पर जारी किए जाते हैं। बिजऩेस स्टैंडर्ड इस तरह के आंकड़े जारी होने से पहले ही अर्थव्यवस्था की ताजा तस्वीर का अंदाजा लेने के लिए रेलवे डेटा जैसे संकेतकों पर नजर रखता है। जमीनी स्तर पर अर्थव्यवस्था की माली हालत का अंदाजा लेने के लिए विभिन्न देशों के विश्लेषक भी कई तरह के संकेतकों पर नजर रखते हैं। गूगल डेटा को छोड़कर सभी संकेतक रविवार के हैं। गूगल डेटा थोड़ा देर से जारी किया जाता है।
भारतीय रेलवे के आंकड़ें यह दर्शाते हैं कि इसने ज्यादा माल ढुलाई की और 16 अगस्त को खत्म हुए हफ्ते के दौरान माल-ढुलाई से ज्यादा कमाई की, जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले अधिक है। माल ढुलाई की मात्रा में पहले ही सुधार दिखाई दे रहा था लेकिन कमाई 2019 के मुकाबले कम बनी हुई थी।
रविवार को आए बिजली उत्पादन के आंकड़ों से यह अंदाजा मिलता है कि यह 2019 के स्तर को हासिल कर चुका है। लॉकडाउन की सख्ती के दौरान इसमें करीब 30 फीसदी की कमी आई थी। उद्योग और दफ्तर बंद हो गए थे, जिससे बिजली की जरूरत भी कम हो गई थी।
सर्च इंजन गूगल किसी स्थान के डेटा का इस्तेमाल करता है जिससे लोगों की गतिविधियों का अंदाजा मिलता है। 11 अगस्त के आंकड़ों के मुताबिक कार्यस्थलों पर लोगों की तादाद करीब 70 फीसदी तक पहुंच गई, जो सामान्य दिनों में रहती थी। हालांकि पार्क, खुदरा दुकानों और मनोरंजनात्मक जगहों पर लोगों की तादाद 50 फीसदी से कम ही है। मनोरंजनात्मक गतिविधियों पर अब भी प्रतिबंध है। लोकेशन तकनीक कंपनी टॉम टॉम इंटरनैशनल के यातायात से जुड़े आंकड़ों से पता चलता है कि मुंबई में यातायात में बढ़ोतरी हुई। पिछले हफ्ते के मुकाबले इसमें 10 फीसदी का अंतर दिखा। 16 अगस्त तक ट्रैफिक जाम सामान्य स्तर की तुलना में आधे स्तर पर पहुंच गया। वहीं नई दिल्ली यातायात सामान्य स्तर के 68 फीसदी स्तर पर है।
बिजऩेस स्टैंडर्ड नाइट्रोजन डाइऑक्साइड उत्सर्जन का भी जायजा लेता है। औद्योगिक गतिविधियों और वाहनों के आने-जाने की रफ्तार बढऩे से भी इस प्रदूषक तत्व का उत्सर्जन होता है। रविवार के आंकड़ों के मुताबिक इसका स्तर मुंबई के मुकाबले दिल्ली में ज्यादा है। वहीं मुंबई में इस गैस का उत्सर्जन 2019 की समान अवधि के मुकाबले कम है, जिसका अंदाजा बांद्रा के डेटा से मिलता है।

First Published - August 17, 2020 | 11:25 PM IST

संबंधित पोस्ट