शुक्रवार को डॉलर सूचकांक (Dollar Index) गिरकर 100 से नीचे पहुंचने के बावजूद रुपया 10 पैसे तक गिर गया, क्योंकि आरबीआई (RBI) ने अपना भंडार दुरुस्त करने के प्रयास में डॉलर खरीदारी पर जोर दिया।
डीलरों का कहना है कि इसके अलावा आयातकों ने तेल कंपनियों के लिए डॉलर खरीदे, जिससे रुपये पर दबाव बढ़ गया। डॉलर सूचकांक ने 13 अप्रैल 2022 के बाद 100 का स्तर पार किया है, जो 15 महीने का निचला स्तर है।
डॉलर सूचकांक 6 प्रमुख मुद्राओं के खिलाफ अमेरिकी डॉलर के प्रदर्शन का मापक है। रुपया शुक्रवार को 82.17 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जबकि गुरुवार को यह 82.07 पर था।
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवायजर्स में ट्रेजरी प्रमुख अनिल कुमार भंसाली ने कहा, ‘अमेरिकी डॉलर की तुलना में रुपया 81.93 के ऊंचे स्तर पर खुला था, लेकिन बाद में इसमें बिकवाली हुई, क्योंकि आरबीआई ने डॉलर खरीदारी पर जोर दिया।
एशियाई मुद्राओं में तेजी बनी रही और तेल को छोड़कर रुपये के लिए सभी कारक सकारात्मक हैं।’
81.90 से 82.50 के बीच बना रह सकता है रुपया
अनुमान से कम अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़े की वजह से डॉलर सूचकांक में कमजोरी आई, जिससे निवेशकों में इस धारणा को बढ़ावा मिला है कि वर्ष के लिए ब्याज दर वृद्धि की आशंका कम रहेगी।
कमजोर उत्पादक और उपभोक्ता मुद्रास्फीति के आंकड़े से इस धारणा को बढ़ावा मिला है कि फेडरल रिजर्व अपने ब्याज दर वृद्धि चक्र के चरम पर है। इससे संकेत मिलता है कि जुलाई में संभावित दर वृद्धि मौजूदा चक्र में आखिरी हो सकती है।
रुपया आगामी सप्ताह में डॉलर सूचकांक में कमजोरी की वजह से 81.90 से 82.50 के बीच बना रह सकता है।