facebookmetapixel
टायर स्टॉक पर ब्रोकरेज बुलिश, रेटिंग अपग्रेड कर दी ‘BUY’; कहा-करेक्शन के बाद दौड़ेगा शेयरVeg and Non veg thali price: अगस्त में महंगी शाकाहारी और मांसाहारी थालीफिर से दुनिया की अर्थव्यवस्था में भारत-चीन का होगा दबदबा! अमेरिका को मिलेगी टक्कर?त्योहारी सीजन से पहले Audi India ने दी गुड न्यूज! ₹7.8 लाख तक घटा दी कीमतें, चेक करें नई रेट लिस्टGST 2.0 में कॉम्पेंसेशन सेस हटने से डीलर्स को बड़ा नुकसान होने का खतरा, पूर्व ICAI अध्यक्ष ने सुझाया समाधानMotilal Oswal ने इस हफ्ते के लिए चुना ये धाकड़ स्टॉक, टेक्निकल चार्ट पर दे रहा पॉजिटिव संकेत; जानें टारगेट और स्टॉपलॉसCancer Vaccine: रूस ने पेश की EnteroMix कैंसर वैक्सीन, प्रारंभिक परीक्षण में 100% सफलताMutual Fund: पोर्टफोलियो बनाने में उलझन? Sharekhan ने पेश किया मॉडल; देखें आपके लिए कौन-सा सही?Gold, Silver price today: सोना हुआ सस्ता, चांदी भी तेज शुरुआत के बाद लुढ़की; चेक करें आज का भावकानपुर को स्मार्ट सिटी बनाए सरकार, बंद फैक्ट्रियों का भी आवासीय प्रोजेक्ट में हो इस्तेमाल – उद्योग जगत की योगी सरकार से डिमांड

वित्त वर्ष 2023 में प्रत्यक्ष कर संग्रह संशोधित अनुमान से भी अधिक, 18 फीसदी की दर्ज की गई बढ़ोतरी

Last Updated- April 03, 2023 | 11:11 PM IST
Direct tax collection will be more than expected

वित्त मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी अनंतिम आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2023 में भारत का प्रत्यक्ष कर संग्रह (direct tax collections) 17.63 फीसदी बढ़कर 16.61 लाख करोड़ रुपये हो गया। यह सरकार के संशोधित अनुमानों से अधिक है।

प्रत्यक्ष कर संग्रह में शानदार वृद्धि बाहरी चुनौतियों के बीच बेहतर व्यावसायिक प्रदर्शन को दर्शाती है। इससे सरकार को वित्त वर्ष 2023 के लिए अपने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी।

वित्त वर्ष 2023 के लिए प्रत्यक्ष कर संग्रह का बजट अनुमान 14.20 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किया गया था। हालांकि बाद में संशोधित अनुमान में उसे बढ़ाकर 16.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया था।

अनंतिम प्रत्यक्ष कर संग्रह (रिफंड का शुद्ध) बजट अनुमान से 16.97 फीसदी और संशोधित अनुमान से 0.69 फीसदी अधिक है।

वित्त वर्ष 2023 के लिए सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह (अनंतिम) (रिफंड समायोजन से पहले) 19.68 लाख करोड़ रुपये रहा जो वित्त वर्ष 2022 में 16.36 लाख करोड़ रुपये के सकल संग्रह से 20.33 फीसदी अधिक है।

वित्त वर्ष 2023 में कॉरपोरेट कर संग्रह 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। यह एक साल पहले के 8.58 लाख करोड़ रुपये के कॉरपोरेट कर संग्रह के मुकाबले 16.91 फीसदी अधिक है।

हालांकि सकल व्यक्तिगत आयकर संग्रह (प्रतिभूति लेनदेन कर) सहित 24.23 फीसदी बढ़कर 9.6 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया। यह वित्त वर्ष 2022 में 7.74 लाख करोड़ रुपये के सकल व्यक्तिगत आयकर संग्रह से अधिक है।

वित्त वर्ष 2023 में 3.07 लाख करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए जाने के बावजूद प्रत्यक्ष कर संग्रह में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। वित्त वर्ष 2022 में 2.24 लाख करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए थे। इस प्रकार वित्त वर्ष 2023 में रिफंड 37.42 फीसदी अधिक रहा।

केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2022 23 के लिए कर संग्रह के लक्षण संशोधन किया है। इस वित्त वर्ष के लिए सरकार ने 30. 43 लाख करोड़ रुपये के कर संग्रह का लक्ष्य रखा था। इनमें प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कर दोनों ही शामिल है। जहां तक अप्रत्यक्ष कर की बात है तो वस्तु एवं सेवा कर का आंकड़ा 18 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर चुका है। यह अब तक का सर्वाधिक संग्रह है। वित्त वर्ष 2024 के लिए जीएसटी संग्रह 12 फीसदी बढ़कर 9.56 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जबकि अध्यक्ष कर का लक्ष्य 18 लाख करोड़ रुपये से अधिक रखा गया है।

ताजा आंकड़ों के अनुसार फरवरी के अंत में केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा पूरे वर्ष के लिए अनुमानित लक्ष्य का 82.8 फीसदी पर पहुंच गया। अधिक खर्च और राजस्व में कमी इसके प्रमुख कारण रहे। लेखा महानिदेशक से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार घाटा अप्रैल से फरवरी की अवधि के दौरान 14.5 लाख करोड़ लाख रुपये रहा।

First Published - April 3, 2023 | 11:11 PM IST

संबंधित पोस्ट