Direct Tax collection: कोरोना महामारी के कारण धीमी पड़ी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत प्रत्यक्ष कर के मोर्चे से आए हैं। अर्थव्यवस्था रिकवरी मोड में नजर आ रही है। ताजा आंकडों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में प्रत्यक्ष कर संग्रह 24 प्रतिशत बढ़कर 8.98 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।
सरकार का कुल कर संग्रह
कर विभाग ने बताया कि 1 अप्रैल से 8 अक्टूबर के दौरान कॉरपोरेट आय पर कर संग्रह में 16.74 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, वहीं व्यक्तिगत आयकर संग्रह में 32.30 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। ताजा आकड़ों के मुताबिक 1 अप्रैल से 8 अक्टूबर, 2022 के दौरान प्रत्यक्ष कर संग्रह 8.98 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो पिछले साल की समान अवधि के संग्रह से 23.8 प्रतिशत अधिक है। रिफंड को समायोजित करने के बाद प्रत्यक्ष कर संग्रह 7.45 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो एक साल पहले की इसी अवधि के शुद्ध संग्रह से 16.3 प्रतिशत अधिक है। यह संग्रह वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजट अनुमान का 52.46 प्रतिशत है।
1.53 लाख करोड़ रुपये का रिफंड
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने कहा कि पिछले साल की तुलना में इस साल 81 फीसदी अधिक रिफंड जारी किया गया है। 1 अप्रैल, 2022 से 8 अक्टूबर, 2022 की अवधि के दौरान कुल 1.53 लाख करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया गया है। वस्तुओं के निर्यात में पिछले साल दर्ज हुई तेजी इस साल सितंबर में थमी है। सितंबर में वस्तुओं के निर्यात में 3.5 प्रतिशत की गिरावट आई है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में व्यापार घाटा करीब दोगुना हो गया है।
रिकवरी मोड में अर्थव्यवस्था
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि अर्थव्यवस्था रिकवरी मोड में है, जीएसटी और प्रत्यक्ष कर संग्रह में वृद्धि इसका संकेत है। वहीं दूसरी तरफ कुछ विश्लेषकों का मानना है कि आर्थिक वृद्धि सुस्त पड़ गई है लेकिन कंपनियों के मुनाफे की वजह से ‘इंजन’ दौड़ रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले महीने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि के अपने अनुमान को 7.2 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया है। अन्य रेटिंग एजेंसियों ने भी भू-राजनीतिक दबाव और सख्त होती वैश्विक वित्तीय स्थिति को देखते हुए वृद्धि दर के अनुमान में कमी की है।