रत्नगिरि पावर एंड गैस कंपनी (आरजीपीपीएल) का दाभोल विद्युत संयंत्र एक बार फिर संकट में है। उसकी दूसरी इकाई में गड़बड़ी के चलते तीसरी इकाई के निर्माण में देरी की संभावना नजर आ रही है।
राज्य सरकार के एक आला अधिकारी ने कहा कि मार्च के अंत तक की समय सीमा बढ़ सकती है। संयंत्र में 2,150 मेगावाट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य अधर में लटकता नजर आ रहा है। इस संयंत्र की तीन इकाइयां हैं। पहले की क्षमता 670 मेगावाट, दूसरे की 740 और तीसरे की भी 740 मेगावाट क्षमता है।
पहली इकाई ने मई 2006 में काम करना शुरू किया गया था। इसमें नाफ्था का प्रयोग होता है। दूसरी इकाई में पिछले साल नवंबर में विद्युत उत्पादन शुरू हुआ, जब गैस संयंत्र उपलब्ध हो गया।
महाराष्ट्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘टरबाइन के रोटर ब्लेड्स में गड़बड़ी के चलते एक इकाई की मरम्मत का काम चल रहा है।
इसमें करीब एक महीने का समय लगेगा। इसके चलते राज्य सरकार की बिजली वितरण कंपनी, महावितरण को विद्युत आपूर्ति में कमी कर दी गई है। महावितरण को अब 1300 मेगावाट की जगह 900 मेगावाट बिजली ही मिल रही है।’
सूत्रों के मुताबिक इस इकाई की मरम्मत पर 100 करोड़ रुपये का खर्च आएगा और इसे पूरी तरह से काम करने एक साल का भी वक्त लग सकता है। हालांकि आरजीपीपीएल के प्रबंध निदेशक एसके अग्रवाल का कहना है कि हम अभी नुकसान का आकलन कर रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि तीसरी इकाई, जो मार्च में शुरू होनी थी, में अब कामकाज मई 2008 तक ही शुरू हो पाएगा।