facebookmetapixel
केंद्र सरकार ने चीनी निर्यात पर लगाई मुहर, मोलासेस टैक्स खत्म होने से चीनी मिलों को मिलेगी राहतCDSCO का दवा कंपनियों पर लगाम: रिवाइज्ड शेड्यूल एम के तहत शुरू होंगी जांचें; अब नहीं चलेगी लापरवाहीपूर्वोत्तर की शिक्षा में ₹21 हजार करोड़ का निवेश, असम को मिली कनकलता बरुआ यूनिवर्सिटी की सौगातकेंद्र सरकार ने लागू किया डीप सी फिशिंग का नया नियम, विदेशी जहाजों पर बैन से मछुआरों की बढ़ेगी आयCorporate Action Next Week: अगले हफ्ते शेयर बाजार में स्प्लिट-बोनस-डिविडेंड की बारिश, निवेशकों की चांदीBFSI फंड्स में निवेश से हो सकता है 11% से ज्यादा रिटर्न! जानें कैसे SIP से फायदा उठाएं900% का तगड़ा डिविडेंड! फॉर्मिंग सेक्टर से जुड़ी कंपनी का निवेशकों को तोहफा, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्तेDividend Stocks: निवेशक हो जाएं तैयार! अगले हफ्ते 40 से अधिक कंपनियां बांटेंगी डिविडेंड, होगा तगड़ा मुनाफाStock Split: अगले हफ्ते दो कंपनियां करेंगी स्टॉक स्प्लिट, छोटे निवेशकों के लिए बनेगा बड़ा मौकादेश में बनेगा ‘स्पेस इंटेलिजेंस’ का नया अध्याय, ULOOK को ₹19 करोड़ की फंडिंग

दाभोल में देरी

Last Updated- December 05, 2022 | 4:29 PM IST

रत्नगिरि पावर एंड गैस कंपनी (आरजीपीपीएल) का दाभोल विद्युत संयंत्र एक बार फिर संकट में है। उसकी दूसरी इकाई में गड़बड़ी के चलते तीसरी इकाई के निर्माण में देरी की संभावना नजर आ रही है।



राज्य सरकार के एक आला अधिकारी ने कहा कि मार्च के अंत तक की समय सीमा बढ़ सकती है। संयंत्र में 2,150 मेगावाट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य अधर में लटकता नजर आ रहा है। इस संयंत्र की तीन इकाइयां हैं। पहले की क्षमता 670 मेगावाट, दूसरे की 740 और तीसरे की भी 740 मेगावाट क्षमता है।


पहली इकाई ने मई 2006 में काम करना शुरू किया गया था। इसमें नाफ्था का प्रयोग होता है। दूसरी इकाई में पिछले साल नवंबर में विद्युत उत्पादन शुरू हुआ, जब गैस संयंत्र उपलब्ध हो गया।
महाराष्ट्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘टरबाइन के रोटर ब्लेड्स में गड़बड़ी के चलते एक  इकाई की मरम्मत का काम चल रहा है।


इसमें करीब एक महीने का समय लगेगा। इसके चलते राज्य सरकार की बिजली वितरण कंपनी, महावितरण को विद्युत आपूर्ति में कमी कर दी गई है। महावितरण को अब 1300 मेगावाट की जगह 900 मेगावाट बिजली ही मिल रही है।’


सूत्रों के मुताबिक इस इकाई की मरम्मत पर 100 करोड़ रुपये का खर्च आएगा और इसे पूरी तरह से काम करने एक साल का भी वक्त लग सकता है। हालांकि आरजीपीपीएल के प्रबंध निदेशक एसके अग्रवाल का कहना है कि हम अभी नुकसान का आकलन कर रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि तीसरी इकाई, जो मार्च में शुरू होनी थी, में अब कामकाज मई 2008 तक ही शुरू हो पाएगा।

First Published - March 7, 2008 | 10:17 PM IST

संबंधित पोस्ट