वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का सालाना रक्षा उत्पादन 1.27 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया है। रक्षा मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को की गई आधिकारिक घोषणा के मुताबिक इसके पहले के वित्त वर्ष के 1.09 लाख करोड़ रुपये के उत्पादन की तुलना में इसमें 16.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2024 में रिकॉर्ड उत्पादन के आंकड़े का यह भी मतलब है कि देश का रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र वित्त वर्ष 29 तक 3 लाख करोड़ रुपये के महत्त्वाकांक्षी वार्षिक रक्षा उत्पादन लक्ष्य के 40 प्रतिशत से अधिक की दूरी तय कर चुका है।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वित्त वर्ष 2020 से रक्षा उत्पादन के मूल्य में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और पिछले 5 साल में इसमें 60 प्रतिशत वृद्धि हुई है। विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘मूल्य के हिसाब से रक्षा मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2024 में स्वदेशी रक्षा उत्पादन में अब तक की सर्वाधिक वृद्धि दर्ज की है। सरकार द्वारा आत्मनिर्भरता का लक्ष्य हासिल करने पर जोर दिए जाने और इस दिशा में नीतियां बनाए जाने व पहल करने से यह संभव हो पाया है।’
रक्षा क्षेत्र के सभी सार्वजनिक उद्यमों (डीपीएसयू), रक्षा सामग्री का उत्पादन करने वाले अन्य पीएसयू और निजी कंपनियों से मिले आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2024 में देश में रक्षा उत्पादन का मूल्य करीब 1.27 लाख करोड़ रुपये (1,26,887 करोड़ रुपये) के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया है। इसमें वित्त वर्ष 2023 की तुलना में मूल्य के हिसाब से 16.7 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है। वित्त वर्ष 2023 में 1.09 लाख करोड़ रुपये (1,08,684 करोड़ रुपये) का रक्षा उत्पादन हुआ था।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस उपलब्धि को साझा करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मेक इन इंडिया कार्यक्रम साल दर साल नए मील के पत्थर छू रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार भारत को वैश्विक रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए ज्यादा सकारात्मक माहौल बनाने हेतु प्रतिबद्ध है।
रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि वित्त वर्ष 2024 में उत्पादन के कुल मूल्य सरकारी रक्षा कंपनियों व अन्य पीएसयू की हिस्सेदारी 79.2 प्रतिशत है। वहीं निजी क्षेत्र ने शेष 20.8 प्रतिशत उत्पादन किया है।
मंत्रालय ने कहा है, ‘आंकड़ों से पता चलता है कि कुल मिलाकर रक्षा पीएसयू, अन्य पीएसयू व निजी क्षेत्र ने रक्षा उत्पादन में तेज वृद्धि दर्ज की है।’
रक्षा मंत्रालय ने कारोबार सुगमता और नीतिगत सुधार के कदम उठाए हैं और साथ ही सरकार की ओर से नीतियों में सुधार और पहल की गई है। पिछले 10 साल में उठाए गए विविध कदमों के कारण यह उपलब्धि हासिल हो सकी है।
मंत्रालय ने कहा कि रक्षा संबंधी निर्यात में बढ़ोतरी ने भी स्वदेशी रक्षा उत्पादन की वृद्धि में अहम भूमिका निभाई है। मंत्रालय के मुताबिक रक्षा उपकरणों का निर्यात वित्त वर्ष 2024 में 21,083 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है, जिसमें वित्त वर्ष 2023 के 15,920 करोड़ रुपये की तुलना में 32.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।