इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च ने गुरुवार को एक रिपोर्ट में कहा है कि सालाना आधार पर 8 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि के लिए बचत और निवेश की दर को टिकाऊ आधार पर 35 प्रतिशत से ऊपर बनाए रखने की जरूरत है।
वित्त वर्ष 2021-22 में बचत और निवेश की दर क्रमशः 30.2 प्रतिशत और 29.6 प्रतिशत थी।
रेटिंग एजेंसी के मुताबिक मौजूदा वृद्धि दर का स्तर भारत के लिए जनांकिकीय लाभांश लेने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसमें कहा गया है, ‘भारत के लोगों की उम्र की स्थिति देखें तो इस तरह का कार्यबल अगले 20-25 साल तक मिलना जारी रहेगा। अगर इसे लाभदायक रोजगार देना है तो अगले 2 से 3 दशक तक भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर को 8 प्रतिशत से ऊपर बनाए रखना जरूरी है।’
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि निवेश का बड़ा हिस्सा बुनियादी ढांचे में होना चाहिए, जिससे आपूर्ति में बाधाएं कम होंगी और इससे निजी निवेश बहाल करने में मदद मिलेगी और विपरीत वैश्विक परिस्थितियों के कारण कमजोर विदेशी मांग की भरपाई हो सकेगी।