ऐसी कंपनियां जिन्होंने पूर्व में विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बॉन्ड (एफसीसीबी) जारी किए थे, उनके अभी वारे-न्यारे हो रहे हैं।
मध्य मार्च के बाद से बाजार में कारोबार में आई तेजी के बाद इन एफसीसीबी का प्रदर्शन बाजार और सेंसेक्स के मुकाबले कहीं बेहतर रहा है। इन कंपनियों के एफसीसीबी कारोबार इस समय इनके परिवर्तन मूल्य पर भारी छूट के साथ हो रहा है।
इस समय हालात ऐसे हैं कि जारी किए गए 161 एफसीसीबी से इस साल 9 मार्च से अब तक प्राप्त होने वाला प्रतिफल 62.21 फीसदी रहा है जबकि इसकी तुलना में 30 प्रमुख कंपनियों वाले सेंसेक्स में मात्र 43.46 फीसदी की तेजी आई है।
इसी तरह बाजार में सक्रिय रूप से कारोबार करनेवाली 2,850 कंपनियों के कारोबार में 41.68 फीसदी की तेजी आई है। हालांकि यह आकर्षक तेजी सभी एफसीसीबी में नहीं देखी गई है क्योंकि बाजार की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करने वाली 73 कंपनियों ने पिछले दो महीनों के दौरान औसतन 87.24 फीसदी का प्रतिफल हासिल किया है।
लेकिन कमजोर प्रदर्शन करने वाली 88 एफसीसीबी भी पीछे नहीं हैं और अब तक इनमें 35.37 फीसदी की तेजी देखी गई है। इस समय अधिकांश एफसीसीबी का कारोबार इनके परिवर्तन मूल्य पर औसतन 52 फीसदी की छूट के साथ हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि कई ऐसे शेयर जिन्होंने एफसीसीबी जारी किए थे, उनमें कर्जों के भुगतान और अन्य चिंताओं की वजह से हाल में ही बाजार में खस्ता कारोबार के कारण भारी गिरावट देखी गई है। हालांकि बाजार में मौजूदा तेजी में लीवरेज्ड कंपनियों के शेयरों में काफी तेजी आई है जो शेयरों की मौजूदा कीमत और इसके परिवर्तन कीमत के बीच अंतर को कम करने में मदद करता है।
मिसाल के तौर पर सुराणा इंडस्ट्रीज के शेयरों की कीमत 9 मार्च 2009 को 203 फीसदी उछलकर 41.30 रुपये से 5 मई को125.10 रुपये हो गई थी जबकि इसके एफसीसीबी का परिवर्तन मूल्य 140 रुपये है।
करीब 15 कंपनियों, सुजलॉन एनर्जी, एचसीसी, बजाज हिन्दुस्तान, गीतांजलि जेम्स, वेल्सपन गुजरात, आईसीएसए, सिंटेक्स इंडस्ट्रीज, जेएसडब्ल्यू स्टील, वेबेल एस1 एनर्जी, जयप्रकाश एसोसिएट, कंट्री क्लब, सिंभावली शुगर्स, कोर प्रोजेक्ट्स, डेक्कन क्रॉनिकल और सुराणा इंडस्ट्रीज के शेयरों की कीमतें मौजूदा तेजी में दोगुनी हो गई हैं।
गौरतलब है कि वैश्विक मंदी की चपेट में आकर भारतीय शेयर बाजरों में भी काफ ी गिरावट देखी गई थी और सेंसेक्स में 50 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखी गई थी।
