भारतीय उद्योग परिसंघ का कारोबारी विश्वास सूचकांक (सीआईआई-बीसीआई) बढ़ा है। यह दूसरी तिमाही (वित्त वर्ष 24 के जुलाई-अगस्त) में 66.1 प्रतिशत था और यह तीसरी तिमाही में बढ़कर 67.1 प्रतिशत हो गया। वैश्विक अनिश्चितता के बावजूद घरेलू मांग बढ़ने के कारण तीसरी तिमाही में यह बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
उद्योग निकाय की नवीनतम रिपोर्ट के मुताबिक, ‘जबरदस्त घरेलू मांग के साथ साथ निरंतर सरकारी खर्च के कारण बढ़ोतरी हुई।’ इस सूचकांक में विभिन्न आकार की 200 कंपनियों को शामिल किया गया था।
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यह सूचकांक मंगलवार को जारी किया गया था। इससे पहले वित्त वर्ष 23 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के दौरान 67.6 प्रतिशत था। ग्रामीण अर्थव्यवस्था आगे बढ़ रही है और यह वित्त वर्ष 24 की पहली तिमाही में एफएमसीजी और खेती की आमदनी से भी उजागर होता है। इस सर्वेक्षण में शामिल आधे से ज्यादा लोगों (52 प्रतिशत) ने उम्मीद जताई कि वित्त वर्ष 24 की पहली छमाही में ग्रामीण मांग बढ़ी जबकि 14 प्रतिशत ने मांग घटने का अनुमान जताया था।