प्रतिभाओं के विशाल भंडार, बेहतर बुनियादी ढांचा और उपयुक्त पारिस्थितिकी तंत्र तथा नीतिगत निरंतरता की बदौलत तमिलनाडु देश के एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र के रूप में उभर रहा है। यह बात प्रदेश के उद्योग मंत्री टी आर बी राजा ने सोमवार को चेन्नई में आयोजित बिज़नेस स्टैंडर्ड तमिलनाडु राउंड टेबल 2023 में कही।
चेन्नई में अगले ही महीने वैश्विक निवेशक सम्मेलन होने वाला है जहां राज्य बड़े पैमाने पर निवेश जुटाने की उम्मीद कर रहा है। सम्मेलन से पहले आयोजित इस राउंड टेबल में प्रदेश ने अपनी विकास गाथा और भविष्य की योजनाओं को सामने रखा।
राज्य के औद्योगिक विकास के वाहकों के बारे में पूछे जाने पर राजा ने कहा, ‘सबसे पहली बात तो राज्य में प्रचुर मात्रा में प्रतिभाएं मौजूद हैं। प्रतिभाओं के मामले में तमिलनाडु देश के शीर्ष राज्यों में शुमार है। यहां हर साल डेढ़ लाख इंजीनियर पढ़कर निकलते हैं। प्रतिभाओं की उपलब्धता के कारण औद्योगिक विकास तेजी से होना स्वाभाविक है। इतना ही नहीं, हम उद्योग जगत की जरूरत के अनुसार प्रतिभाएं तैयार कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि आधारभूत ढांचे और औद्योगिक परियोजनाओं की मंजूरी में तेजी भी औद्योगिक विकास के प्रमुख कारण रहे हैं।’
राजा ने नीतिगत निरंतरता को उद्योग जगत के लिए एक और बड़ा आकर्षण बताया। उन्होंने कहा, ‘सरकार बदलने के बावजूद तमिलनाडु ने नीतिगत निरंतरता पर हमेशा ध्यान दिया है। हर सरकार का लक्ष्य उद्योग जगत के लिए हालात बेहतर बनाना ही रहा है। निवेशक इस बात को बहुत सकारात्मक मानते हैं।’
राजा ने कहा कि प्रदेश पहले ही औद्योगिकीकृत है और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में अव्वल है, ऐसे में वह उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहनों पर विचार नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष राज्य ने 5.37 अरब डॉलर मूल्य के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात किए थे और 2023-24 में इसके लिए आठ अरब डॉलर का लक्ष्य तय किया गया है। निवेश के बारे में उन्होंने कहा कि राज्य निवेशकों के चयन को लेकर सतर्क रहेगा।
उन्होंने कहा, ‘अगर हम प्रोत्साहन देंगे तो यह भी हम तय करेंगे कि प्रदेश में कौन निवेश करे और किस तरह के रोजगार तैयार हों।’
सम्मेलन में द्रविड़ अर्थव्यवस्था पर भी चर्चा हुई और मंत्री ने कहा कि समावेशन, विविधता, समतापूर्ण वृद्धि और पुनर्वितरित वृद्धि द्रविड़ अर्थव्यवस्था के मॉडल के प्रमुख कारक हैं।
इस आयोजन को ‘तमिलनाडु: इंडियाज राइजिंग इंडस्ट्रियल पावर’ (तमिलनाडु: भारत की उभरती औद्योगिक शक्ति) का नाम दिया गया और इसमें दो अन्य सत्र भी आयोजित हुए।
पहले सत्र में प्रदेश के उन्नत विनिर्माण केंद्र होने पर चर्चा हुई और इसमें ह्युंडै मोटर इंडिया, नोकिया, तमिलनाडु औद्योगिक निवेश निगम और रेफेक्स समूह ने शिरकत की।
दूसरे सत्र में इस विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया कि फिनटेक और वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) किस प्रकार नवाचार कर रहे हैं। इस सत्र में वालमार्ट, विश्व बैंक, यूबी, कालेइडोफिन और बीआरके सॉफ्ट ने हिस्सा लिया।
राजा ने कहा कि तमिलनाडु सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों के लिए सुविधाओं के विकास पर ध्यान दे रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राज्य को ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था बनाने की तरफ कदम बढ़ा रही है और इसकी पहचान शोध और विकास के एक केंद्र के रूप में स्थापित करना चाहती है।
उन्होंने कहा, ‘हम चेन्नई में नॉलेज सिटी बना रहे हैं। अगले वर्ष के अंत तक कुछ बड़ी कंपनियां शहर में आएंगी।’
जानकारी के मुताबिक प्रदेश सरकार तिरुवल्लूर जिले के उथुकोट्टाई तालुक और वेंगल गांव में 1,424 एकड़ भूमि पर तमिलनाडु नॉलेज सिटी (टीकेसी) के निर्माण की योजना पर काम कर रही है। राज्य की समावेशी वृद्धि को रेखांकित करते हुए मंत्री ने कहा कि देश की कुल कामकाजी महिलाओं में 43 फीसदी तमिलनाडु की हैं।
उन्होंने कहा, ‘ये आर्थिक विकास को सक्षम बनाने वाली हैं। वे दुनिया के किसी भी विकसित देश से प्रतिस्पर्धा कर रही हैं। जहां तक तमिलनाडु की बात है हम सभी लोगों के समावेशी विकास पर ध्यान देते हैं।’
तमिलनाडु में करीब 40,000 फैक्टरियां हैं और वह उन्नत विनिर्माण बढ़ाने की ओर ध्यान दे रहा है। राजा ने कहा कि विनिर्माण और उन्नत विनिर्माण में प्रदेश बहुत अच्छी स्थिति में है और कोई अन्य राज्य उसके आसपास भी नहीं है।