संरक्षणवाद संबंधी चिंताओं को खारिज करते हुए केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि भारत व्यापार नीति में संतुलित दृष्टिकोण अपनाता है। गोयल ने कहा कि यह सोची समझी नीति है जो देश की वृद्धि यात्रा के अनुरूप है। नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित बिज़नेस स्टैंडर्ड के वार्षिक कार्यक्रम मंथन के दूसरे दिन उन्होंने ये बातें कहीं।
बिज़नेस स्टैंडर्ड के प्रकाशन के 50वें वर्ष के मौके पर आयोजित सालाना सम्मेलन ‘मंथन’ में केंद्र सरकार के मंत्रियों, राजनयिकों, अर्थशास्त्रियों, उद्यमियों, लक्जरी क्षेत्र के दिग्गजों, कृषि विशेषज्ञों तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रमुखों समेत विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियों ने तमाम मुद्दों पर विचार साझा किए।
‘2047 तक विकसित भारत : रोडमैप’ विषय पर आयोजित इस सम्मेलन में नीति आयोग के पूर्व मुख्य कार्याधिकारी और जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि अगले 5 वर्षों में देश में 10 फीसदी से अधिक की दर से बढ़ने वाले 10 चैंपियन राज्य होने चाहिए, जो अर्थव्यवस्था को 9 से 10 फीसदी तक बढ़ा सकते हैं।
उन्होंने बड़ी कंपनियों का हवाला देते हुए कहा कि भारत को कई अंबानी, अदाणी और टाटा जैसे उद्योगपतियों की जरूरत है। 2047 तक भारत की सफलता की यात्रा के लिए केंद्र राज्य संबंधों पर चर्चा करते हुए पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने कहा कि भारत को सहयोगात्मक संघवाद और प्रतिस्पर्धी संघवाद के मिले-जुले रूप की दरकार है।
योजना आयोग (अब नीति आयोग) के उपाध्यक्ष रहे मोंटेक सिंह आहलूवालिया ने केंद्रीय करों के एक हिस्से को पंचायतों और अन्य उप-राज्य स्तरीय निकायों को देने की वकालत की।
पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन, पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन और ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त रह चुके नलिन सूरी वाले पैनल ने कहा कि भारत को अपनी आंतरिक आर्थिक ताकत के अनुरूप रणनीति बनानी चाहिए और वर्ष 2047 तक के अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए विकास के अपने रास्ते पर चलना चाहिए।
मारुति सुजूकी इंडिया के चेयरमैन आरसी भार्गव ने कहा, ‘2047 तक देश में स्वच्छ ईंधन से चलने वाली काफी कारें होंगी और 2047 तक भारत प्रमुख कार विनिर्माता और निर्यातक होगा।’
‘2047 के विकसित भारत में कृषि की भूमिका’ विषय पर कृषि विशेषज्ञों और किसान प्रतिनिधियों ने इस तथ्य पर जोर दिया कि किसानों की आय बढ़ानी है तो कृषि में बदलाव लाना होगा। नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद, कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी और भारत कृषक समाज के अध्यक्ष अजय वीर जाखड़ ने इस मुद्दे पर अपने विचार रखे।
देश की अर्थव्यवस्था में लक्जरी क्षेत्र की अहमियत पर चर्चा के दौरान उद्योग की नामचीन हस्तियों ने कहा कि लक्जरी का संबंध समृद्धि और संपन्नता से है और यह भारत की आर्थिक प्रगति की कहानी को आकार दे रहा है।