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BFSI Summit: दूसरी तिमाही में GDP ग्रोथ चौंकाने वाली होगी, महंगाई दर पर काबू पाना प्राथमिकता-RBI गवर्नर

बिज़नेस स्टैंडर्ड BFSI इनसाइट समिट में RBI गवर्नर श​क्तिकांत दास ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी वैश्विक वित्तीय स्थिरता के लिए गंभीर खतरा हैं और इससे निपटने की जरूरत है।

Last Updated- October 31, 2023 | 10:08 PM IST
ShaktiKant Das

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि में तेजी चौंकाने वाली रह सकती है। बिज़नेस स्टैंडर्ड बीएफएसआई समिट में दास ने कहा, आर्थिक गतिविधियों में तेजी और कुछ शुरुआती संकेतकों को देखते हुए मैं कह सकता हूं कि दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े जब भी जारी होंगे (नवंबर अंत तक), तो इसकी पूरी संभावना है कि इसमें उछाल सबको चकित कर देगी।’

आरबीआई ने जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी वृद्धि 6.5 फीसदी और पूरे वित्त वर्ष में इसके 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है।

दास ने इस पर जोर दिया कि केंद्रीय बैंक के लिए वृद्धि से ज्यादा मुद्रास्फीति को काबू में लाना प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, ‘हम मुद्रास्फीति-वृद्धि के समीकरण को देख रहे हैं। फिलहाल पहली प्राथमिकता मुद्रास्फीति है और इसी के आधार पर हम नीति तय करते हैं।’

मई 2022 से फरवरी 2023 के बीच रीपो दर में 250 आधार अंक का इजाफा करने के बाद पिछली चार मौद्रिक नीति समीक्षा में 6 सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति ने रीपो दर को यथावत बनाए रखने का निर्णय किया है। मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक दिसंबर को होगी।

दास ने कहा कि भू-राजनीतिक स्थितियां वैश्विक स्तर पर चुनौती पैदा कर रही हैं और इसका वित्तीय बाजारों एवं वैश्विक वृद्धि पर भी असर पड़ रहा है। इन जोखिमों के बावजूद भारत अन्य देशों की तुलना में इन चुनौतियों का मुकाबला करने में अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति में है।

उन्होंने कहा, ‘भू-राजनीति से जुड़े हालात न केवल भारत बल्कि संपूर्ण विश्व की वृद्धि के सामने एक बड़ा जोखिम हैं। कुछ हद तक इसने वैश्विक वृद्धि पर भी बुरा असर डाला है। ऐसे में भू-राजनीतिक अनिश्चितता वैश्विक वृद्धि के समक्ष सबसे बड़ा जोखिम है। जहां तक भारत की बात है, तमाम भू-राजनीतिक जोखिमों के बावजूद मैं भरोसे से कह सकता हूं कि भारत अन्य देशों की तुलना में ऐसे जोखिम या संभावित जोखिम से निपटने के लिए बेहतर स्थिति में है।’

दास ने आगे कहा कि रुपये का अंतरराष्ट्रीयकरण एक निरंतर जारी प्रक्रिया है न कि कोई निश्चित लक्ष्य। उन्होंने कहा कि यह चरणबद्ध रवैया है न कि किसी खास समयसीमा में हासिल किया जाने वाला लक्ष्य। उन्होंने कहा कि हम रुपये का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की दिशा में चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यहां बात रुपये को डॉलर के समक्ष खड़ा करने की नहीं है बल्कि हमारा लक्ष्य यह है कि अंतरराष्ट्रीय कारोबार में रुपये की मौजूदगी बढ़ाई जाए। खासतौर पर उन देशों में जिनके साथ भारत के मजबूत और सक्रिय कारोबारी रिश्ते हैं।

दास ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी वैश्विक वित्तीय स्थिरता के लिए गंभीर खतरा हैं और इससे उचित तरीके से निपटने की जरूरत है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की वित्तीय स्थिरता बोर्ड के सिंथेसिस पेपर में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि विभिन्न देशों की विशिष्ट जरूरतों के आधार पर क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदियां लगाई जा सकती हैं। दास ने क्रिप्टो करेंसी के इस्तेमाल से संबंधित नियमन पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा, ‘आखिर आप क्रिप्टो का नियमन कैसे करेंगे और नियमन का क्या आधार बनाएंगे?’

First Published - October 31, 2023 | 10:08 PM IST

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