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क्या खत्म हो गया ब्याज दर कटौती का दौर? एंटीक की रिपोर्ट में संकेत

आरबीआई ने दिसंबर की बैठक में ब्याज दर थोड़ी (0.25%) कम की। लेकिन एंटीक स्टॉक ब्रोकिंग का कहना है कि आगे ब्याज दर ज्यादा घटाने की संभावना कम है

Last Updated- December 22, 2025 | 9:41 AM IST
Banks
Representational Image

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 3 से 5 दिसंबर 2025 के बीच हुई। इस बैठक में समिति के सभी सदस्यों ने एकमत होकर नीतिगत ब्याज दर में 0.25 फीसदी की कटौती करने का फैसला लिया। यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है, जब महंगाई नियंत्रण में है लेकिन आर्थिक वृद्धि की रफ्तार धीमी पड़ने के संकेत मिल रहे हैं।

आर्थिक सुस्ती के संकेत

बैठक के मिनट्स के अनुसार, MPC के कुछ सदस्यों ने कहा कि आने वाली तीन तिमाहियों तक वास्तविक ब्याज दर ऊंची बनी रह सकती है। इसके साथ ही, कई हाई-फ्रीक्वेंसी आर्थिक संकेतक कमजोर दिखाई दे रहे हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि वित्त वर्ष के दूसरे हिस्से में देश की आर्थिक गतिविधियां धीमी हो सकती हैं। हालांकि, समिति के सदस्यों ने भारत की लंबी अवधि की विकास क्षमता को लेकर सकारात्मक राय जताई। उनका मानना है कि बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, डिजिटलाइजेशन और उत्पादकता में सुधार के चलते भारत की संभावित विकास दर 7.5 फीसदी से ऊपर जा सकती है।

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महंगाई पर कोई दबाव नहीं: RBI

MPC ने यह भी साफ किया कि अर्थव्यवस्था में ओवरहीटिंग के कोई संकेत नहीं हैं। लंबे समय से कोर महंगाई, खासतौर पर कीमती धातुओं को छोड़कर, निचले स्तर पर बनी हुई है, जिससे मांग का दबाव सीमित रहने का संकेत मिलता है।

बैठक में एक सदस्य ने कहा कि अब RBI की नीति ज्यादा सख्त नहीं रही, बल्कि संतुलित हो गई है। इसका मतलब है कि बैंक अब न तो बहुत कड़ाई करेगा और न ही ज्यादा ढील देगा। साथ ही यह भी साफ किया गया कि आगे ब्याज दर या दूसरी नीतियों पर कोई भी फैसला देश की आर्थिक हालत और आने वाले आंकड़ों को देखकर ही लिया जाएगा।

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आगे दर कटौती की सीमित गुंजाइश

एंटीक स्टॉक ब्रोकिंग का कहना है कि महंगाई और आर्थिक हालात को देखते हुए अब ब्याज दर घटाने का दौर लगभग खत्म होने वाला है। रिपोर्ट के मुताबिक अभी असली ब्याज दर करीब 1.25 फीसदी (125 bps) है, जो ठीक मानी जा रही है। साथ ही, अगर भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता हो जाता है तो इससे देश की अर्थव्यवस्था को सहारा मिलेगा और आगे ब्याज दर में ज्यादा कटौती की जरूरत नहीं पड़ेगी।

First Published - December 22, 2025 | 9:22 AM IST

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