GST विभाग जल्द ही कंपनियों और प्रोफेशनल्स के आयकर रिटर्न और कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के पास जमा डॉक्यूमेंट्स के आंकड़ों का विश्लेषण शुरू करेगा।
इस कवायद का मकसद कर आधार को बढ़ाना और यह पता लगाना है कि संस्थाएं अपनी GST देनदारी को पूरी तरह चुका रही हैं या नहीं।
इस समय माल एवं सेवा कर (GST) के तहत 1.38 करोड़ पंजीकृत व्यवसाय और पेशेवर हैं। GST को 1 जुलाई, 2017 को लागू किया गया था।
विनिर्माण में 40 लाख रुपये और सेवा क्षेत्र में 20 लाख रुपये से अधिक के वार्षिक कारोबार वाली कंपनियों के लिए खुद को GST के तहत पंजीकृत करना और कर रिटर्न दाखिल करना जरूरी है।
एक अधिकारी ने कहा, ”हम इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास उपलब्ध सूचना के आधार पर आंकड़ों का विश्लेषण करेंगे।”
आंकड़ा विश्लेषण के दौरान उन संस्थाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिन्हें छूट नहीं मिली है और जिन्हें GST के तहत पंजीकरण करने और मासिक या तिमाही रिटर्न दाखिल करने की जरूरत है। GST कानून का पालन नहीं करने वाली संस्थाओं की पहचान करने के बाद, GST विभाग उनके व्यवसाय के पंजीकृत स्थान पर उनसे अनुपालन नहीं करने की वजह पूछेगा।
अधिकारी ने आगे कहा कि आंकड़ा विश्लेषण शाखा कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) के साथ मिलकर कंपनियों के जमा तिमाही और वार्षिक आंकड़ों के जरिए यह पता लगाएगा कि क्या कोई GST चोरी हो रही है।
अधिकारी ने कहा कि पहले चरण में आयकर विभाग और GST आंकड़ों का मिलान होगा। इसके बाद एमसीए के आंकड़ों से इसका मिलान किया जाएगा।
अधिकारी ने कहा, ”हम जल्द ही आयकर के आंकड़ों का मिलान शुरू करेंगे।”