भारत का कृषि निर्यात वित्त वर्ष 2022-23 में बढ़कर 56 से 57 अरब डॉलर के नए रिकॉर्ड पर पहुंच सकता है।
वाणिज्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को मुक्त व्यापार समझौता (FTP) जारी होने के कार्यक्रम के मौके पर अलग से कहा, ‘हम वित्त वर्ष 22 में 50 अरब डॉलर पर पहुंचे थे और विश्वास है कि वित्त वर्ष 23 में निर्यात 56-57 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा, क्योंकि काजू व अन्य जिंसों का निर्यात बेहतर हो रहा है।’
यह उपलब्धि उल्लेखनीय है, क्योंकि गेहूं और चावल जैसे कुछ अधिक निर्यात वाले अनाज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा हुआ था, जिससे महंगाई पर काबू पाया जा सके।
वहीं अलग से उद्योग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि व्यापार के हाल के दिशा-निर्देशों के से पता चलता है कि नए FTP से भारत से जिंसों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा, खासकर गेहूं और कपास आदि के निर्यात को बल मिलेगा।
उद्योग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘इस समय भी फिलहाल कुछ कारोबार की अनुमति है, लेकिन ताजा फैसला इसे और आसान बनाने के लिए है।’ उन्होंने कहा कि विस्तृत ब्योरा रिजर्व बैंक के नियम आने के बाद ही पता चल सकेगा।
हालांकि कृषि निर्यात को लेकर आधिकारिक बयान से पता चलता है कि 2021-22 के लिए कृषि उत्पादों का निर्यात (समुद्री उत्पाद और पौधरोपण उत्पाद) 50 अरब डॉलर पहुंच गया है, जो अब तक का रिकॉर्ड स्तर है।
वित्त वर्ष 22 में वृद्धि दर करीब 20 प्रतिशत रही है, जो वित्त वर्ष 2022-21 में 17.66 प्रतिशत बढ़कर 41.87 अरब डॉलर था। उच्च माल ढुलाई दर, कंटेनर की कमी जैसी अप्रत्याशित लॉजिस्टिक्स चुनौतियों के बीच यह लक्ष्य हासिल हुआ है।
वित्त वर्ष 22 में मोटे अनाज जैसे चावल (9.65 अरब डॉलर), गेहूं (2.19 अरब डॉलर) व अन्य अनाज (1.08 अरब डॉलर) का निर्यात रिकॉर्ड स्तर पर रहा था।
वित्त वर्ष 22 में गेहूं के निर्यात में 273 प्रतिशत की रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई थी, जो 2020-21 के 56.8 करोड़ डॉलर से चार गुना बढ़कर 2021-22 में 211.9 करोड़ डॉलर हो गया था।
वित्त वर्ष 23 के आंकड़ों से पता चलता है कि फरवरी 2023 तक भारत से कृषि संबंधी निर्यात 43 अरब डॉलर रहा है।