facebookmetapixel
Luxury Cars से Luxury Homes तक, Mercedes और BMW की भारत में नई तैयारीFiscal Deficit: राजकोषीय घाटा नवंबर में बजट अनुमान का 62.3% तक पहुंचाAbakkus MF की दमदार एंट्री: पहली फ्लेक्सी कैप स्कीम के NFO से जुटाए ₹2,468 करोड़; जानें कहां लगेगा पैसाYear Ender: युद्ध की आहट, ट्रंप टैरिफ, पड़ोसियों से तनाव और चीन-रूस संग संतुलन; भारत की कूटनीति की 2025 में हुई कठिन परीक्षाYear Ender 2025: टैरिफ, पूंजी निकासी और व्यापार घाटे के दबाव में 5% टूटा रुपया, एशिया की सबसे कमजोर मुद्रा बनाStock Market 2025: बाजार ने बढ़त के साथ 2025 को किया अलविदा, निफ्टी 10.5% उछला; सेंसेक्स ने भी रिकॉर्ड बनायानिर्यातकों के लिए सरकार की बड़ी पहल: बाजार पहुंच बढ़ाने को ₹4,531 करोड़ की नई योजना शुरूVodafone Idea को कैबिनेट से मिली बड़ी राहत: ₹87,695 करोड़ के AGR बकाये पर लगी रोकYear Ender: SIP और खुदरा निवेशकों की ताकत से MF इंडस्ट्री ने 2025 में जोड़े रिकॉर्ड ₹14 लाख करोड़मुंबई में 14 साल में सबसे अधिक संपत्ति रजिस्ट्रेशन, 2025 में 1.5 लाख से ज्यादा यूनिट्स दर्ज

करीब 5.5 करोड़ लोगों ने अपनाई नई टैक्स प्रणाली

आयकर विभाग के वित्त वर्ष 2023 के आंकड़ों से पता चलता है कि कुल 4.84 करोड़ करदाताओं की कर योग्य आय 5 लाख रुपये तक थी

Last Updated- August 20, 2023 | 10:19 PM IST
Standard tax deduction

राजस्व विभाग के शुरुआती अनुमान के मुताबिक तकरीबन 5.5 करोड़ करदाता नई कर प्रणाली में चले गए हैं। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि इनमें से अधिकतर करदाताओं की सालाना कर योग्य आय 7 लाख रुपये तक है।

आंकड़ा अहम है क्योंकि सरकार ने इस साल के बजट में कुछ बदलावों के साथ नई कर व्यवस्था को अधिक आकर्षक बनाने की कोशिश की। ऐसा इसलिए करना पड़ा क्योंकि 2020-21 में इस योजना की शुरुआत के बाद से ज्यादातर करदाता इससे दूर ही रहे थे।

एक सूत्र ने कहा, ‘ऐसी कोई वजह ही नहीं है कि 5.5 करोड़ लोग नई कर प्रणाली नहीं अपनाएंगे। 7.5 से 8 लाख रुपये या 10 लाख रुपये तक सालाना कमाई करने वाले अधिकतर युवा करदाता लचीले और स्पष्ट तरीके से कर भरना पसंद करते हैं। वे यह भी देखना चाहते हैं कि नई कर प्रणाली उनके लिए कारगर है या नहीं। उनके पास पुरानी व्यवस्था में लौटने का विकल्प तो होता ही है। वास्तविक आंकड़े अगले आकलन वर्ष (आकलन वर्ष 2024-25) में ही पता चलेंगे, जब कर रिटर्न में चालू वित्त वर्ष की आय, कर देनदारी आदि दिखेगी।

आयकर विभाग के वित्त वर्ष 2023 के आंकड़ों से पता चलता है कि कुल 4.84 करोड़ करदाताओं की कर योग्य आय 5 लाख रुपये तक थी। 1.12 करोड़ से अधिक लोगों की कर योग्य आय 5 लाख से 10 लाख रुपये थी, जबकि 10 लाख से 20 लाख रुपये के बीच कर योग्य आय वाले करदाताओं की संख्या 47 लाख थी। मध्य-उच्च आय वर्ग श्रेणी (20 लाख से 50 लाख रुपये) के करदाताओं की संख्या 20 लाख रही, जबकि 50 लाख से 1 करोड़ रुपये के बीच कर योग्य आय वाले 3.8 लाख करदाता थे। इसी तरह 2.6 लाख करदाताओं की कर योग्य आय 1 करोड़ रुपये से अधिक थी।

नई कर प्रणाली में पुरानी प्रणाली की तरह राहत और छूट का विकल्प नहीं था। इस साल के बजट में इसमें कुछ बदलाव किए गए थे, जिनका मकसद वेतनभोगी करदाताओं को नई कर प्रणाली में लाना था। नई कर प्रणाली को अब व्यक्तिगत करदाताओं के लिए डिफॉल्ट बना दिया गया है। नई कर व्यवस्था के तहत 7 लाख रुपये तक की सालाना आय वालों पर कोई कर नहीं लगेगा। साथ ही 50,000 रुपये की मानक कटौती मिलेगी और बुनियादी छूट सीमा बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी गई है।

नई कर व्यवस्था 1 अप्रैल से लागू हो चुकी है। ऐसे में नियोक्ताओं ने पूछा कि वे कौन सी प्रणाली चुन रहे हैं ताकि उनके वेतन में उसी हिसाब से कर कटौती की जा सके।

एक चार्टर्ड अकाउंटेंट के अनुसार यदि किसी कर्मचारी ने अपनी पसंद नहीं बताई तो नई संशोधित कर व्यवस्था के हिसाब से ही उसके वेतन से टीडीएस कट जाएगा। चार्टर्ड अकाउंटेंट ने बताया कि शुरू में कुछ करदाता भ्रमित दिख रहे थे। मगर कुछ करदाता इसे आजमान और यह देखने के लिए तैयार थे कि पुरानी प्रणाली से फायदेमंद है या नहीं। सरकार का शुरुआती अनुमान सही साबित होता है तो 50 फीसदी से अधिक करदाताओं ने नई प्रणाली चुन ली है।

राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने बजट के बाद बातचीत में कहा था कि निवेश एवं बचत के लिए नई पीढ़ी के पास तमाम विकल्प हैं, जिनका मकसद कर बचत होना जरूरी नहीं है। ऐसे में कर बचाने के उद्देश्य से की जाने वाली बचत में कमी आई है। उन्होंने कहा था कि 50 फीसदी से अधिक करदाता नई कर व्यवस्था की ओर रुख करेंगे। दाखिल किए गए आयकर रिटर्न की संख्या 6.77 करोड़ से अधिक है, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। यह एक साल पहले के 5.83 करोड़ के मुकाबले 16 फीसदी अधिक है।

First Published - August 20, 2023 | 10:19 PM IST

संबंधित पोस्ट