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निवेश की बिक्री से 23,000 करोड़ रु मुनाफा

Last Updated- December 11, 2022 | 9:16 PM IST

भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को वित्त वर्ष 22 के पहले 6 महीने में निवेशों की बिक्री से 23,246.5 करोड़ रुपये मुनाफा हुआ है। एलआईसी ने मसौदा रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) में यह जानकारी दी है। चालू वित्त वर्ष के अंत तक एलआईसी का आईपीओ आने वाला है। वित्त वर्ष 21 में एलआईसी को निवेशों की बिक्री से 39,809.63 करोड़ रुपये मुनाफा हुआ था और वित्त वर्ष 20 में यह आंकड़ा 19,387.48 करोड़ रुपये का था।  वित्त वर्ष 22 के पहले 6 महीने में एलआईसी की निवेश से आमदनी, जिसमें ब्याज और लाभांश, किराये, निवेश की बिक्री से शुद्ध मुनाफा, फेयर वैल्यू गेन शामिल है, 1.49 लाख करोड़ रुपये रही है। वित्त वर्ष 21 में यह 2.85 लाख करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 20 में 2.42 लाख करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 19 में 2.25 लाख करोड़ रुपये थी। 
 
एलआईसी देश के सबसे बड़े संस्थागत निवेशकों में से एक है। इसका इक्विटी और डेट में भारी निवेश है। इसके निवेश पोर्टफोलियो में केंद्र व राज्य सरकारों की प्रतिभूतियां, कॉर्पोरेट बॉन्ड, प्रतिभूति वाले ऋण, इक्विटी और तरजीही शेयर, म्युचुअल फंड, वैकल्पिक निवेश और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स शामिल हैं। सितंबर, 2021 तक एलआईसी का पॉलिसीहोल्डर्स फंड से निवेश एकल आधार पर 39.495 लाख करोड़ रुपये था। इसमें 9.78 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा इक्विटी में निवेश है, जिसकी हिस्सेदारी कुल निवेश में 24.78 प्रतिशत है। इसके अलावा एलआईसी के पॉलिसीधारकों के निवेश पोर्टफोलियो में 37.5 प्रतिशत निवेश सरकारी प्रतिभूतियों में, 24,61 प्रतिशत राज्य सरकारों की प्रतिभूतियों में 8.07 प्रतिशत निवेश कॉर्पोरेट बॉन्डों में है। 
 
नियामक से मिला वक्त 
 
बीमा नियामक ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को पेंशन, ग्रुप और लाइफ एन्युटी फंडों में निवेश को जनवरी 2023 के अंत तक रोके रखने की अनुमति दे दी है, जो ‘स्वीकृत निवेश की श्रेणी में नहीं आते हैं। बीमाकर्ता ने इस तरह के निवेशों को निपटाने को लेकर और वक्त मांगा था, जिसे देखते हुए यह मंजूरी मिली है। मानकों के मुताबिक एलआईसी को उन निवेशों को शेयरधारकों के खाते में परिशोधित लागत पर 90 दिन में हस्तांतरित करना होता है, जिन्हें ‘अन्य निवेशों  के रूप में पुनर्वर्गीकृत कर दिया जाता है। यह अभी किया जाना बाकी है। 
 
एलआईसी ने अपने मसौदा रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) में कहा है कि अगर परिशोधित लागत पर शेयरधारकों के फंडों में निवेश को हस्तांतरित किया गया होता तो इससे होने वाले लाभ और हानि खाते (शेयरधारकों के खाते) में सितंबर 2021 तक 5,365.83 करोड़ रुपये नुकसान हुआ होता।  भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण ने एलआईसी को जनवरी 2023 तक अन्य निवेश की श्रेणी में उन निवेशों को बनाए रखने की अनुमति दे दी है, नियामक के निवेश नियमन के पूर्ण अनुपालन के अधीन होगा और आगे इसे कोई विस्तार नहीं दिया जाएगा।

First Published - February 14, 2022 | 10:58 PM IST

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