देश के आठ प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में तेजी दर्ज हुई है। अगस्त में इन उद्योगों की वृद्धि दर 11.6 प्रतिशत हो गई, जो जुलाई में 9.9 प्रतिशत रही थी। इस तेजी में आधार प्रभाव का भी कोई खास योगदान नहीं रहा। पिछले वर्ष अगस्त में बुनियादी क्षेत्र 6.9 प्रतिशत फिसल गया था, जबकि उसी वर्ष जुलाई में यह क्षेत्र 7.6 प्रतिशत कमजोर पड़ गया था।
मगर अगस्त में दो उद्योगों – कच्चा तेल और उर्वरक के उत्पादन में कमी दर्ज हुई। जुलाई में केवल कच्चे तेल का उत्पादन ही कम रहा था। चालू वित्त के पहले पांच महीनों में बुनियादी क्षेत्र की वृद्धि दर 19.3 प्रतिशत रही, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह वृद्धि दर 17.3 प्रतिशत रही थी। इस वर्ष अगस्त में बुनियादी क्षेत्र में अगस्त 2019 के स्तर से 3.9 प्रतिशत तेजी दर्ज हुई।
केवल रिफाइनरी उत्पादों और कच्चे तेल का उत्पादन इस अवधि में कम रहा। हालांकि कोविड महामारी से पूर्व फरवरी 2020 के आंकड़ों से तुलना करें तो अगस्त 2021 में बुनियादी क्षेत्र की वृद्धि दर 0.3 प्रतिशत कम ही रही।
बुनियादी क्षेत्र के प्रदर्शन पर इंडिया रेटिंग्स में मुख्य अर्थशास्त्री सुनील कुमार सिन्हा ने कहा कि बुनियादी क्षेत्र में हरेक खंड पर अलग-अलग नजर डालें तो आंकड़े उत्साहित करने वाले हैं। सिन्हा ने कहा कि कोयला, रिफाइनरी उत्पादों एवं सीमेंट को छोड़कर दूसरे सभी प्रमुख उद्योग कोविड महामारी से पहले के स्तरों से आगे निकल चुके हैं।
सिन्हा ने कहा कि फरवरी 2020 की तुलना में जिन उद्योगों में अधिक उत्पादन दिखा, उनमें कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, उर्वरक, इस्पात, बिजली शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अगले महीने समेकित स्तर पर बुनियादी क्षेत्र कोविड से पूर्व के स्तर से आगे निकल जाएगा। इंडिया रेटिंग्स के अनुसार अगस्त में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में भी तेजी दिखेगी। आईआईपी में बुनियादी क्षेत्र का भारांश 40.3 प्रतिशत है। जुलाई में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर कम होकर 11.5 प्रतिशत रह गई थी, जबकि इसे पहले जून में इसमें 13.5 प्रतिशत कमी आई थी। हालांकि इक्रा का कहना है कि बुनियादी क्षेत्र अगस्त में भले ही सुधरा हुआ है मगर वाहन क्षेत्र की सुस्त चाल अगस्त 2021 में विनिर्माण उत्पादन पर असर डाल सकती है।
