फूड एग्रीगेटर प्लेटफार्म जोमैटो (Zomato) ने वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में 176 करोड़ रुपये का कर बाद लाभ (पीएटी) दर्ज किया है। यह एक साल पहले के 36 करोड़ रुपये की तुलना में पांच गुना ज्यादा है। हालांकि टैक्स के बाद लाभ पहली तिमाही के 253 करोड़ रुपये की तुलना में 30 प्रतिशत कम रहा।
जोमैटो का परिचालन से राजस्व सालाना आधार पर 69 प्रतिशत बढ़कर दूसरी तिमाही में 4,799 करोड़ रुपये हो गया। यह एक साल पहले 2,848 करोड़ रुपये था। पिछली तिमाही में उसने 4,206 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया था।
कंपनी को अपनी बैलेंस शीट मजबूत करने के लिए इक्विटी शेयरों के पात्र संस्थागत नियोजन (QIP) के जरिये 8,500 करोड़ रुपये तक जुटाने के लिए अपने निदेशक मंडल से मंजूरी भी मिल गई है। शेयर बाजार में उतरने के बाद कंपनी की रकम जुटाने की यह पहली कवायद होगी। आने वाले समय में जोमैटो इसकी रूपरेखा, निर्गम के तरीके, मूल्य, छूट, नियमों और शर्तों का फैसला करेगी।
जोमैटो के सह-संस्थापक और समूह के मुख्य कार्य अधिकारी दीपिंदर गोयल ने शेयरधारकों को लिखे पत्र में कहा, ‘हालांकि कारोबार अब नकदी सृजित कर रहा है। लेकिन हमारा मानना है कि प्रतिस्पर्धी परिदृश्य और आज अपने कारोबार के ज्यादा बड़े स्तर को देखते हुए हमें अपना नकदी शेष बढ़ाने की जरूरत है।’
साल 2021 में अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के बाद से जोमैटो का वार्षिक समायोजित राजस्व वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही तक 4,640 करोड़ रुपये के मुकाबले चार गुना बढ़कर 20,508 करोड़ रुपये हो चुका है। इस दौरान उसका नकदी शेष 14,400 करोड़ रुपये से घटकर करीब 10,800 करोड़ रुपये रह गया। क्विक कॉमर्स कारोबार के घाटे और कुछ इक्विटी निवेश तथा अधिग्रहण के लिए रकम जुटाने की वजह से ऐसा हुआ।
सितंबर तिमाही के दौरान जोमैटो के नकदी शेष में तिमाही आधार पर 1,726 करोड़ रुपये तक की गिरावट आई। हाल ही में पेटीएम के एंटरनेमेंट टिकटिंग कारोबार का 2,014 करोड़ रुपये में अधिग्रहण करने की वजह से यह गिरावट आई।
गोयल ने कहा, ‘हमारा मानना है कि पूंजी से ही किसी को जीतने का अधिकार नहीं मिल जाता है, बल्कि हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हम अपने प्रतिस्पर्धियों के साथ बराबरी के स्तर पर हैं, जो अतिरिक्त पूंजी जुटा रहे हैं।’
फूड डिलिवरी
इसके फूड डिलिवरी कारोबार के मामले में समायोजित राजस्व पहली तिमाही में मामूली रूप से बढ़कर 2,340 करोड़ रुपये हो गया जो एक तिमाही पहले 2,256 करोड़ रुपये और एक साल पहले की अवधि में 1,938 करोड़ रुपये था। इस कारोबार का सकल ऑर्डर मूल्य (जीओवी) वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही के 9,264 करोड़ रुपये की तुलना में बढ़कर सितंबर तिमाही में 9,690 करोड़ रुपये हो गया।
ब्लिंकइट
नए स्टोर खुलने के बावजूद कंपनी की क्विक कॉमर्स शाखा ब्लिंकइट समायोजित एबिटा के न लाभ न हानि वाले स्तर पर परिचालन कर रही है। तिमाही आधार पर इसका राजस्व 23 प्रतिशत से ज्यादा बढ़कर 1,156 करोड़ रुपये हो गया जो एक तिमाही पहले 942 करोड़ रुपये था।