Zepto Fundraising: तेजी से बढ़ते क्विक कॉमर्स स्पेस में सबसे बड़े फंड जुटाने में से एक में, जेप्टो (Zepto) ने सीरीज एफ (Series F) राउंड की फंडिंग में 665 मिलियन डॉलर (66.5 करोड़ डॉलर) की फंड जुटाने का ऐलान किया। कंपनी की तरफ से इतना फंड जुटाने के बाद इसकी वैल्यूएशन ( मूल्यांकन) भी 1.4 बिलियन डॉलर से दोगुनी होकर 3.6 बिलियन डॉलर हो गई।
इस राउंड का नेतृत्व मौजूदा निवेशक स्टेपस्टोन ग्रुप (StepStone Group), नेक्सस वेंचर पार्टनर्स (Nexus Venture Partners), ग्लेड ब्रुक कैपिटल (Glade Brook Capital), गुडवाटर (Goodwater) और लैची ग्रूम (Lachy Groom) ने किया। वहीं, नए निवेशक एवेनिर ग्रोथ (Avenir Growth), लाइटस्पीड वेंचर पार्टनर्स (Lightspeed Venture Partners) और एवरा (Avra) भी इस फंडरेज में शामिल हुए।
यह फंडरेज ऐसे समय में हुआ है जब Zepto लगभग 12-15 महीनों में प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) के लिए तैयार हो रही है और पब्लिक लिस्टिंग से पहले प्रॉफिटेबल बनने की योजना बना रही है।
Zepto के को-फाउंडर और CEO, आदित पलीचा ने कहा, ‘हम अपने बैंक में पहले से ही मौजूद नकदी के साथ एक बेहतर स्थिति में हैं। हम इस फंडरेज को अपने आगामी IPO से पहले अपने बैलेंस शीट को मजबूत करने के लिए IPO से पहले की फंडिंग के रूप में देख रहे हैं। बैंक में इस नकदी का होना हमें एक महत्वपूर्ण पैमाने पर IPO लॉन्च करने में सक्षम बनाता है।’
Zepto की ग्रॉस मर्केंडाइज वैल्यू (GMV) सालाना आधार पर (YoY) बढ़कर 1 बिलियन डॉलर से अधिक हो गई है, और मई 2024 तक कंपनी के लगभग 75 प्रतिशत स्टोर पूरी तरह से EBITDA पॉजिटिव हो गए हैं। पलीचा ने कहा कि ये स्टोर, जो पहले 23 महीने में प्रॉफिट कमाने लायक होते थे, अब केवल छह महीने में ही प्रॉफिटेबल हो जाते हैं।
पलीचा ने कहा, ‘स्टोरों के तेजी से लाभदायक बनने की इस गतिशीलता ने जेप्टो को तेजी से बढ़ने में सक्षम बनाया है और साथ ही कंपनी स्तर पर EBITDA (एबिटा) पॉजिटिव हासिल की है। पालीचा ने कहा, हमारी योजना फिस्कल डिसीप्लीन के साथ ऑपरेशन जारी रखने की है क्योंकि हम मैच्योर स्टोर्स से मिली पूंजी को बिजनेस में वापस निवेश करके 350 स्टोर से 700 स्टोर तक पहुंच गए हैं।’
वर्तमान में फर्म भारत के टॉप दस शहरों में लगभग 350 डार्क स्टोर्स का संचालन कर रही है और अन्य दस शहरों में विस्तार करने की योजना बना रही है।
यह Zepto का दस महीनों के भीतर दूसरा बिग टिकट फंडरेज है। पिछले साल अगस्त में, Zepto ने 1.4 अरब डॉलर वैल्यूएशन पर सीरीज E फंडिंग राउंड में 235 मिलियन डॉलर (23.5 करोड़ डॉलर) जुटाए थे, जिससे यह यूनिकॉर्न बन गया था। इस राउंड का नेतृत्व बाल्टीमोर स्थित इंस्टीट्यूशनल एसेट मैनेजर स्टेपस्टोन ग्रुप (StepStone Group) ने किया, जो मौजूदा निवेशक नेक्सस वेंचर पार्टनर्स (Nexus Venture Partners) का एक मिलिटेड पार्टनर(LP) भी है
Zepto ने पहले अक्टूबर 2021 में 60 मिलियन डॉलर जुटाए थे। उसी साल दिसंबर में, Y Combinator (वाई कॉम्बिनेटर) द्वारा समर्थित इस स्टार्टअप ने 900 मिलियन डॉलर वैल्यूएशन पर 100 मिलियन डॉलर जुटाए थे, और मई 2022 में 200 मिलियन डॉलर जुटाए थे।
Zepto के को-फाउंडर और CTO, कैवल्य वोहरा (Kaivalya Vohra) ने कहा, ‘Zepto की यात्रा के इस अगले चरण के बारे में सबसे रोमांचक हिस्सा नई प्रमुख परियोजनाएं हैं। नई श्रेणियों को लॉन्च करने से लेकर Zepto पास जैसी पहलों को विस्तारित करने तक, ये परियोजनाएं ग्राहक अनुभव को 10 गुना करेंगी। इस रोडमैप को बनाने के लिए, हम इंजीनियरिंग, प्रोडक्ट, ग्रोथ, फाइनेंस, ऑपरेशंस और कैटेगरी मैनेजमेंट में टॉप टैलेंट को नियुक्त करने की योजना बना रहे हैं।’
यह फंडरेज भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के फंडिंग विंटर से उबरने के समय आया है। बिज़नेस स्टैंडर्ड ने पहले बताया था कि इस साल के पहले पांच महीनों में फंडिंग की मात्रा 3.9 बिलियन डॉलर पर स्थिर रही है और पिछले कुछ वर्षों में इसमें उतनी गिरावट नहीं हुई है।
Zepto केवल क्विक कॉमर्स पर फोकस करने वाली एकमात्र फर्म है जो Zomato के स्वामित्व वाली Blinkit, Swiggy Instamart और Tata के स्वामित्व वाली Big Basket के साथ कंपटीशन करती है।
मुंबई स्थित फर्म क्विक कॉमर्स स्पेस में लगातार अपना बाजार हिस्सा बढ़ा रही है। HSBC Global की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, Blinkit 40 फीसदी हिस्सेदारी के साथ बाजार का नेतृत्व करती है, जबकि Zepto का मार्केट हिस्सेदारी मार्च 2022 में 15 फीसदी से बढ़कर जनवरी 2024 में 22 फीसदी हो गई है। वहीं, Instamart की हिस्सेदारी मार्च 2022 में 52 फीसदी से घटकर जनवरी 2024 में 32 फीसदी हो गई है।
जैसा कि कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के साथ फाइलिंग में बताया गया है, Zepto की ऑपरेशन से रेवेन्यू वित्तीय वर्ष 2022-23 (FY23) में 14 गुना बढ़कर 2,024 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले वर्ष (FY22) में 140.7 करोड़ रुपये थी। इस बीच, मुंबई स्थित स्टार्टअप का नुकसान तीन गुना बढ़कर 1,272 करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछले साल यह 390.3 करोड़ रुपये था।