क्विक कॉमर्स कंपनी जेप्टो के सह संस्थापक और मुख्य कार्य अधिकारी आदित पालिचा का कहना है कि हाल में जुटाई गई रकम घरेलू निवेशकों से जुटाई गई अब तक की सबसे बड़ी रकम में से एक है। इससे कंपनी को भारतीय निवेशकों को अधिक शेयरधारिता देने में मदद मिलेगी।
कंपनी अगले वित्त वर्ष में कभी भी आईपीओ लाने की योजना बना रही है। आर्यमन गुप्ता और शिवानी शिंदे के साथ बातचीत में इस क्षेत्र पर सरकार की बढ़ती जांच, विस्तार योजनाओं और आईपीओ के बारे में चर्चा की गई। प्रमुख अंश …
जेप्टो में निवेश के लिए निवेशक क्यों कतार लगा रहे हैं?
इस वित्त वर्ष की शुरुआत में हमने अपने मॉडल की यूनिट इकोनॉमिक्स को जोरदार तरीके से साबित किया। हमने अपने लगभग 70 प्रतिशत डार्क स्टोरों का एबिटा मुक्त नकदी प्रवाह धनात्मक बना दिया। इसमें सभी बैक-एंड आपूर्ति श्रृंखला और सॉफ्टवेयर लागत शामिल हैं।
वे स्टोर भी मुक्त नकदी प्रवाह को तेजी से धनात्मक बना रहे हैं। इक्विटी पर रिटर्न के नजरिये से किसी स्टोर को लाभ में लाने के लिए हमें तकरीबन 3.9 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय और परिचालन व्यय की जरूरत होती थी। अब इसमें केवल 1.5 करोड़ रुपये लगते हैं। इसलिए हम अपने स्टोरों को तेजी से लाभ में लाने में सक्षम रहे।
साथ ही हम ढाई साल में शून्य से एक अरब डॉलर (जीएमवी) तक पहुंचे। यह सात महीने पहले की बात है। इस राह को देखकर ही हमारे निवेशकों ने कारोबार में निवेश का फैसला किया। इसलिए हम तेजी से 1 अरब डॉलर से अधिक जुटा सके।
फिर हमने डार्क स्टोरों को बढ़ाने का फैसला किया। अभी हम भारत में सबसे तेजी से बढ़ती इंटरनेट कंपनी हैं और आर्थिक प्रोफाइल भी स्पष्ट है। जब तक हमारे पुराने स्टोर लाभ में हैं, हमारे लिए अच्छा है। हम नए स्टोर पर ही पैसा फूंक रहे हैं। देश में ऐसी बहुत कम कंपनियां हैं जो आने वाले निवेशक को इतना बढ़िया रिटर्न देती हैं।
रकम जुटाने के बाद जेप्टो का शेयरधारिता का स्वरूप कैसा है? क्या आप और रकम जुटाएंगे, खास तौर पर आईपीओ से पहले?
रकम जुटाने के बाद हम 30 प्रतिशत से ज्यादा घरेलू स्वामित्व वाले हैं। कैवल्य वोहरा (सह-संस्थापक) और मेरे पास कंपनी की लगभग 20 प्रतिशत हिस्सेदारी है और हम अपनी करीब उसी हिस्सेदारी के साथ सूचीबद्ध हो जाएंगे। हम और रकम जुटाने की योजना नहीं बना रहे हैं।
हमने अभी इस पर फैसला नहीं किया है। लेकिन एक या दो तिमाही में ऐसा हो सकता है। हमारे पास करीब 1.3 अरब डॉलर का नकदी है। इसलिए हमें और प्राथमिक पूंजी की जरूरत नहीं है।
जेप्टो का वर्तमान आकार क्या है? और क्या नकदी व्यय में खासा इजाफा हुआ है?
हम 600 से ज्यादा डार्क स्टोर संचालित कर रहे हैं। प्रतिदिन करीब 9,00,000 ऑर्डर पूरे कर रहे हैं। हमारा औसत ऑर्डर मूल्य (एओवी) बढ़ा है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि अगले महीने तक यह 540 से 550 रुपये तक पहुंच जाएगा, जो लगभग आठ महीने पहले 450 रुपये था।
हमने 60 लाख जेप्टो पास (सदस्यता योजना) पार कर ली है। हम 6,000 से 14,000 एसकेयू तक भी पहुंच चुके हैं। हम अगले 12 महीनों में इसे बढ़ाना जारी रखेंगे। हमारे परिचालन सेटअप के लिए पूंजीगत व्यय और कार्यशील पूंजी की वजह से नकदी व्यय महत्वपूर्ण है।हर तिमाही में हम सैकड़ों स्टोर खोल रहे हैं।
एफएमसीजी कंपनियां शहरी खपत में मंदी की बात कह रही हैं। आपने क्या देखा है?
हमें ऐसा नहीं दिख रहा है कि उपभोक्ता खर्च में कमी कर रहे हैं। इसके विपरीत हमें इजाफा नजर आ रहा है। शहरी भारत में मध्य वर्ग सिकुड़ नहीं रहा है। यह बढ़ रहा है।
हम देख रहे हैं कि बड़ी कंपनियां उन अभिनव भारतीय उद्यमियों के हाथों अपनी हिस्सेदारी गंवा रही हैं, जो एफएमसीजी क्षेत्र की स्टार्टअप बना रहे हैं। हमारे प्लेटफॉर्म पर नए जमाने के ऐसे हजारों ब्रांड हैं और सही चीज पर (उपभोक्ता) खर्च हो रहा है। मसलन, आइसक्रीम में गो जीरो या चिप्स व स्नैक्स में लेटस ट्राई जैसे स्टार्ट अप हैं।