ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज के प्रवर्तकों में से एक पुनीत गोयनका ने शुक्रवार को बाजार नियामक सेबी के उस आदेश के खिलाफ प्रतिभूति अपील पंचाट (सैट) का रुख किया, जिसमें ज़ी समूह की इकाइयों में कोई अहम पद लेने पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है। गोयनका सैट से इस मामले में राहत चाह रहे हैं।
सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच की तरफ से जारी 14 अगस्त के आदेश में नियामक ने गोयनका और उनके पिता सुभाष चंद्रा को ज़ी एंटरटेनमेंट, ज़ी मीडिया कॉरपोरेशन, ज़ी स्टूडियोज, ज़ी आकाश न्यूज और इन इकाइयों के विलय या इससे कारोबार अलग कर गठित किसी अन्य कंपनी में निदेशक या अन्य अहम पद लेने पर रोक लगी दी है।
पुष्टि वाले आदेश (ऐसा दस्तावेज जो आदेश की प्राप्ति व उसकी स्वीकार्यता की पुष्टि करता है) में नियामक ने कहा है कि ज़ी से जुड़ी रकम की कथित हेराफेरी मामले में वह आठ हफ्ते के भीतर जांच पूरी कर लेगा। सेबी के आदेश व निर्देशों पर गोयनका स्थगन आदेश चाहते हैं। सैट इस मामले पर 30 अगस्त को सुनवाई कर सकता है।
ज़ी के प्रवर्तकों ने इससे पहले भी जून में इसी मामले में जारी सेबी के आदेश के खिलाफ सैट का रुख किया था। सैट ने सेबी को उनकी बात सुनने का मौका देने और उसके बाद आदेश जारी करने का निर्देश दिया था। इस निर्देश के बाद सेबी ने पिता-पुत्र को सुनवाई का मौका दिया और तय समयसीमा में पुष्टि वाला आदेश जारी किया।
10 अगस्त को NCLT ने ज़ी व सोनी पिक्चर्स के विलय को मंजूरी दे दी थी। विलय के बाद बनने वाली इकाई में गोयनका एमडी व सीईओ का पद संभाल सकते हैं।