मध्य प्रदेश में लघु एवं मझोले उद्योग (एसएमई) में काम करने वाले श्रमिकों को जल्द ही अल्ट्रा-मॉडर्न टूल रूम, टेस्टिंग, डिजाइनिंग, विपणन और विषाक्त कचरे के निपटान जैसे कार्यों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
राज्य का पहला औद्योगिक क्लस्टर पीथमपुर ऑटो क्लस्टर लिमिटेड (पीएसीएल) इस प्रक्रिया को पूरा करने वाला है। इंदौर के पास पीथमपुर में अगले महीने वह लॉन्च के लिए पूरी तरह तैयार है। यह प्रशिक्षण सुविधा श्रमिकों के लिए पहले ही शुरू हो चुकी है। ये सभी श्रमिक पीथमपुर के उद्योगों से जुड़े हुए हैं।
यह क्लस्टर स्थानीय औद्योगिक संगठन पीथमपुर औद्योगिक संगठन, राज्य सरकार की एजेंसी इंदौर औद्योगिक केंद्र विकास निगम और केंद्र सरकार के सामूहिक सहयोग से अस्तित्व में आया है। विभिन्न मोर्चों पर पीथमपुर ऑटो इंडस्ट्री की मदद के लिए यह एक स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) के तौर पर काम करता है।
औद्योगिक नीति एवं प्रोत्साहन विभाग और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा शुरू की गई केंद्र सरकार की औद्योगिक बुनियादी ढांचा उन्नयन योजना के तहत बने पीएसीएल को अगले महीने अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
पीथमपुर औद्योगिक संगठन के चेयरमैन गौतम कोठारी ने कहा, ‘हमने श्रमिकों को प्रशिक्षित करना पहले ही शुरू कर दिया है और 88 श्रमिकों के पहले बैच को जय भारती मारुति द्वारा नियोजित किया गया है। जय भारती मारुति के इस एसपीवी में तरजीही शेयर हैं। कंपनी ने हिर्नियाखेड़ी पर टूल रूम के परिचालन और रखरखाव के लिए एक कंसोर्टियम बनाने के लिए 50:50 भागीदारी के आधार पर संधर टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के साथ एक संयुक्त उपक्रम बनाया है।’
राज्य सरकार के एक भूखंड पर टूल रूम और अन्य निर्माण कार्य पूरा होने को है। पिछले साल राज्य सरकार ने हिर्नियाखेड़ी में 5 एकड़ भूमि के आवंटन का फैसला किया था। कोठारी ने बताया, ‘हमने इटली से विश्वस्तरीय मशीनें आयात की हैं और टूल रूम पर तकरीबन 44 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।’ संगठन अपने 20 साल पूरे कर चुका है और बड़े, छोटे एवं मझोले उद्यमाें में इसका व्यापक आधार है।
इस कंपनी में 12 करोड़ रुपये की राशि का योगदान लघु (25,000 रुपये), मझोले (1.25 लाख रुपये) और बड़े (55 लाख रुपये) उद्योगों द्वारा किया गया है, वहीं राज्य की भी इस कंपनी में बड़ी भागीदारी है क्योंकि उसने इसके लिए भूमि आवंटित की है।
केंद्र सरकार ने भी अब तक इसके लिए 33.30 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। संगठन इस कंपनी में इक्विटी भागीदार है।रामकी इन्फ्रास्ट्रक्चर ने भी इसमें दांव लगाया है और उसने 5 करोड़ रुपये के तरजीही शेयर जारी किए हैं। कंपनी ने इसके लिए परिसर के मध्य में एक कचरा निपटान इकाई स्थापित की है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘यह लाभ कमाने वाली कंपनी होगी और प्रशिक्षण, टूल रूम के इस्तेमाल, डिजाइन और इसमें मौजूद अन्य सुविधाओं के इस्तेमाल के लिए शुल्क वसूला जाएगा, लेकिन यह बड़े पैमाने पर एसएमई समर्थक होगा।’
पीएसीएल ने आईआईएम-इंदौर में सेंटर फॉर इनोवेशन ऐंड एंटरप्रेन्योरशिप की स्थापना के जरिये मेधा उन्नयन कार्यक्रम के लिए श्रमिकों और कर्मचारियों की सहूलियत के लिए इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम)-इंदौर के साथ भी हाथ मिलाया है। कोठारी ने बताया कि इस योजना पर बाद के चरण में काम किया जाएगा।
तरक्की का प्रशिक्षण
पीथमपुर ऑटो क्लस्टर लिमिटेड प्रशिक्षण की इस प्रक्रिया को अगले महीने कर देगा शुरू
श्रमिकों के लिए पहले से ही शुरू हो चुकी है यह सुविधा
श्रमिकों को मिलेगा अल्ट्रा मॉडर्न टूल रूम, टेस्टिंग, डिजाइलिंग, मार्केटिंग और विषाक्त कचरे के निपटान का सबक
इस सरकारी कार्यक्रम में हिस्सा ले रही हैं कई कंपनियां