सिंगापुर की प्राइवेट इक्विटी (पीई) फर्म विल्सन ऐंड ह्यूज ने यात्रा बाजार में अपनी पैठ बढ़ाने के लिए कॉक्स ऐंड किंग्स का अधिग्रहण किया है। हालांकि सौदे की रकम की जानकारी नहीं दी गई है। कंपनी ने बयान जारी कर बताया है कि नई कंपनी चार कारोबारी क्षेत्रों पर ध्यान देगी, जिनमें अवकाश यात्रा, कारोबारी यात्रा, विशेष यात्रा और यात्रा प्रौद्योगिकी शामिल हैं।
पीई फर्म की भारतीय सहायक कंपनी के जरिये पूरे किए गए अधिग्रहण में कंपनी के पिछले परिचालन से जुड़े वित्तीय और कानूनी मुद्दों की जिम्मेदारी के बगैर सिर्फ कॉक्स ऐंड किंग्स ब्रांड और परिसंपत्तियां शामिल हैं। पिछले प्रबंधन के दौरान कॉक्स ऐंड किंग्स को गंभीर आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ा था और कंपनी साल 2019 में दिवाला प्रक्रिया में शामिल हो गई तथा एनसीएलटी के साथ ऋणशोधन अक्षमता की कार्यवाही से भी गुजर रही थी। विल्सन ऐंड ह्यूज ने एनसीएलटी प्रक्रिया के जरिये ब्रांड और उससे संबंधित रेहन का अधिग्रहण किया है। इस सौदे में 200 से अधिक उप ब्रांड भी शामिल हैं जो कभी कंपनी की पोर्टफोलियो का हिस्सा थे।
विल्सन ऐंड ह्यूज के निदेशक करण अग्रवाल ने कहा, ‘यात्रा उद्योग तेजी से विकसित हो रहा है और हम वैश्विक यात्रा अनुभवों को फिर से परिभाषित करने के अवसर को पहचानते हैं। हमारा लक्ष्य उन्नत प्रौद्योगिकी, एआई और डेटा संचालित नजरिये का लाभ लेते हुए सर्वोत्तम परंपरा को नए जमाने की प्रौद्योगिकी के साथ मिलाने का है।’
भारत का यात्रा उद्योग 2027 तक 125 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है और इस सौदे के साथ विल्सन ऐंड ह्यूज ने यात्रा क्षेत्र में पहले बड़े प्रयास को दर्शाया है, जो प्रतिस्पर्धी बाजार में कॉक्स ऐंड किंग्स को ऊपर ले जाने के लिए वित्त, एफएमसीजी, आतिथ्य जैसे क्षेत्रों में अपने अनुभव का लाभ लेगा। कंपनी ने अपनी विज्ञप्ति में कहा है कि लक्जरी पर जोर देने के साथ कंपनी एआई, मशीन लर्निंग और डेटा एनालिटिक्स सहित उन्नत प्रौद्योगिकी के एकीकरण पर ध्यान देगी ताकि यात्रियों के लिए उनकी जरूरतों का पता लगाया जा सके और पारंपरिक यात्रा अनुभवों को भी बढ़ाया जा सके।