facebookmetapixel
ITR Filing2025: देर से ITR फाइल करना पड़ सकता है महंगा, जानें कितनी बढ़ सकती है टैक्स देनदारीPower Stock में बन सकता है 33% तक मुनाफा, कंपनियों के ग्रोथ प्लान पर ब्रोकरेज की नजरेंNepal GenZ protests: नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने दिया इस्तीफा, संकट गहराया26% तक चढ़ने को तैयार Adani Green, Suzlon समेत ये 5 Energy Stocks, टेक्निकल चार्ट पर दिख रहा ब्रेकआउटसोना ₹1.1 लाख के पार, चांदी 13 साल के हाई पर: निवेशकों के लिए क्या हैं इसके मायनेUP में बड़े निवेशकों के लिए अच्छी खबर! 100 करोड़ से ऊपर के प्रोजेक्ट्स को सिर्फ 15 दिन में मिलेगी जमीनMiniratna PSU ने डिविडेंड की रिकॉर्ड डेट तय की, जानिए कब और कितनी रकम मिलेगीJane Street vs SEBI: SAT ने जेन स्ट्रीट की अपील स्वीकार की, अगली सुनवाई 18 नवंबर कोVice President Elections: पीएम मोदी और राजनाथ सिंह ने डाला वोट, देश को आज ही मिलेगा नया उप राष्ट्रपतिदिवाली शॉपिंग से पहले जान लें नो-कॉस्ट EMI में छिपा है बड़ा राज

Steel Sector की MSMEs को लेकर क्या कहा इस्पात सचिव ने

सरकार ने सोमवार को हॉट रोल्ड कॉयल, चादर, प्लेट जैसे इस्पात उत्पादों पर 200 दिन के लिए 12% का सेफगार्ड शुल्क लगाया है।

Last Updated- April 22, 2025 | 9:49 PM IST
MSMEs should register on 'Udyam' portal for loan eligibility: RBI Deputy Governor ऋण पात्रता के लिए एमएसएमई 'उद्यम' पोर्टल पर पंजीकरण कराएंः आरबीआई डिप्टी गवर्नर
प्रतीकात्मक तस्वीर

इस्पात उद्योग ने सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को निर्यात मूल्य के समान दरों पर आपूर्ति करने के लिए सहमति जताई है। एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने इस चिंता को भी दूर किया कि कुछ आयात उत्पादों पर लगाए गए रक्षोपाय शुल्क से छोटे उद्यमों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। सरकार ने सोमवार को हॉट रोल्ड कॉयल, चादर और प्लेट जैसे इस्पात उत्पादों पर 200 दिन के लिए 12 प्रतिशत का अस्थायी रक्षोपाय (सेफगार्ड) शुल्क लगाया है, ताकि घरेलू कंपनियों को सस्ते आयात से बचाया जा सके। यह फैसला वाणिज्य मंत्रालय की जांच शाखा डीजीटीआर की सिफारिश के बाद लिया गया। 

इस्पात सचिव संदीप पौंड्रिक ने मंगलवार को यहां पत्रकारों से कहा, ”जहां तक ​​एमएसएमई के बारे में आपका सवाल है, इस्पात उद्योग पहले ही इस बात पर सहमत हो चुका है कि वे एमएसएमई को निर्यात समता मूल्यों पर आपूर्ति करेंगे।” उन्होंने कहा, ‘‘इस्पात उद्योग एमएसएमई को निर्यात के लिए ईईपीसी (इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन निकाय) के साथ बातचीत कर रहा है। वे बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने पहले ही यह व्यवस्था लागू कर दी है, ताकि एमएसएमई पर इस्पात की ऊंची कीमत का असर न पड़े।’’ निर्यात समता मूल्य से आशय समायोजित अंतरराष्ट्रीय बाजार मूल्य से है, जिस पर घरेलू उत्पादक माल ढुलाई और निर्यात संबंधी लागत को ध्यान में रखते हुए विदेशी बाजारों में इस्पात बेचते हैं। 

एमएसएमई को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी दरों की पेशकश करके सरकार यह सुनिश्चित करती है कि छोटे निर्माताओं को नीतिगत हस्तक्षेपों के कारण कीमतों में उछाल का नुकसान न उठाना पड़े। सचिव ने यह भी कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना होता है कि सभी उद्योगों को उचित मूल्य मिले। यह सामान्य बात है कि कुछ उद्योग केंद्र के फैसले की आलोचना करेंगे, क्योंकि इस्पात अंतिम उत्पाद नहीं है और कोई भी उपभोक्ता उद्योग इस फैसले को पसंद नहीं करेगा। सचिव ने आगे कहा कि चीन और वियतनाम के खिलाफ दो डंपिंग-रोधी जांच चल रही हैं, सुनवाई पूरी हो चुकी है और जल्द ही सिफारिशें आने की उम्मीद है।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

First Published - April 22, 2025 | 9:49 PM IST

संबंधित पोस्ट