साइबर हमले में 23 करोड़ डॉलर की राशि गंवाने वाला क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म वजीरएक्स वित्तीय खुफिया इकाई – एफआईयू-इंडिया से मदद लेने की योजना बना रहा है। कंपनी इस महीने सुरक्षा उल्लंघन में गंवाई राशि वापस पाने की अपनी योजना शुरू कर रही है। 1.6 करोड़ से ज्यादा पंजीकृत उपयोगकर्ताओं वाले इस प्लेटफॉर्म ने सुरक्षा उल्लंघन में अपनी 45 प्रतिशत क्रिप्टो संपत्तियों को गंवा दिया है। इसी के बाद यह सारी कवायद हो रही है।
वजीरएक्स के संस्थापक और मुख्य कार्य अधिकारी निश्चल शेट्टी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘हमने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और हम एफआईयू के संपर्क में हैं क्योंकि वजीरएक्स यहां पंजीकृत है। हम बातचीत शुरू कर चुके हैं और देख रहे हैं कि कौन सी एजेंसी सामने आकर पैसे का पता लगाने में हमारी मदद कर सकती है और वे किस तरह तालमेल करेंगे।’
कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पहचान उजाकर न करने की शर्त पर बताया कि राजस्व विभाग के तहत आने वाला संगठन एफआईयू-इंडिया धन शोधन जैसे अपराधों की जांच करता है। एफआईयू ने कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों को तलब किया है। उन्होंने कहा, ‘हमें एफआईयू-इंडिया ने 23 करोड़ डॉलर के हैक मामले पर अपडेट देने के लिए बुलाया है। हमारी अनुपालन टीम और निश्चल इस बैठक में आभासी रूप से शामिल होंगे।’
वजीरएक्स भारत में एजेंसियों के साथ समन्वय करने के साथ-साथ अमेरिका की जांच एजेंसी फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) के भी संपर्क में है। शेट्टी ने कहा ‘चोरी किए गए टोकन हमलावर के पास पड़े हैं और फिलहाल बेकार हैं। इनका इस्तेमाल केवल तभी होता है जब आप नकदी के बदले इन्हें भुनाने की कोशिश करते हैं। एफबीआई की पहुंच और क्रिप्टो पर नजर रखे जाने की क्षमता से अगर हमें उसके निकासी बिंदु का पता चलता है तो उस रकम को फ्रीज किया जा सकता है और यह प्रक्रिया जल्दी से पूरी की जा सकती है।’
पिछले सप्ताह वजीरएक्स ने अपने प्लेटफॉर्म के उपयोगकर्ताओं के लिए कारोबार और रकम निकासी को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था। वजीरएक्स ने इस नुकसान को सामूहिक रूप प्रदान करने और प्लेटफॉर्म पर सभी उपयोगकर्ताओं के बीच इसके असर को साझा करने की योजना का ऐलान किया है, भले ही कोई निवेशक प्रभावित हुआ हो या नहीं।
इस प्लेटफॉर्म के उपयोगकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर अपनी चिंताओं को उठाया है और कंपनी से अनुरोध किया है कि वह अपने खुद के पैसे और संपत्तियों से इस नुकसान की भरपाई में स्वतंत्र रूप से योगदान करे तथा अपने उपयोगकर्ताओं पर निर्भर न रहे।
वजीरएक्स की प्रतिस्पर्धी कॉइनडीसीएक्स के सह-संस्थापक सुमित गुप्ता ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा है कि नुकसान के लिए पहला योगदान हमेशा कंपनी (इस मामले में वजीरएक्स) तथा कंपनी के धन और उसकी संपत्तियों से किया जाना चाहिए।