Vodafone Group Plc sell stake in Indus Towers: ब्रिटिश टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन ग्रुप पीएलसी (Vodafone Group Plc) भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम टावर प्रोवाइडर कंपनी यानी इंडस टावर्स में अपनी 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी। कंपनी की योजना बुधवार को हिस्सेदारी बेचकर 9,000 करोड़ रुपये तक जुटाने की है। ट्रांजैक्शन की शर्तों के अनुसार, शेयरों को मंगलवार की क्लोजिंग प्राइस 344 रुपये प्रति शेयर के मुकाबले 10 फीसदी डिस्काउंट पर ऑफर किया जा रहा है। शेयरों की ऑफरिंग 310-341 रुपये प्रति शेयर के बीच की जा रही है। मंगलवार को कंपनी की टोटल मार्केट वैल्यूएशन 92,679 करोड़ रुपये थी।
मौजूदा समय में, वोडाफोन ग्रुप पीएलसी की अलग-अलग यूनिट्स के जरिये इंडस टावर्स में 21.5 फीसदी हिस्सेदारी है। वोडाफोन ग्रुप पीएलसी शेयरों की बिक्री से जुटाई गई रकम का उपयोग अपने कर्ज को चुकाने के लिए करेगी।
बिज़नेस स्टैंडर्ड की तरफ से देखे गए टर्म ऑफ ट्रांजैक्शन्स के मुताबिक, बोफा सिक्योरिटीज इंडिया (BoFA Securities India), मॉर्गन स्टैनली इंडिया कंपनी, जेफरीज इंडिया (Jeffries India) और बीएनपी परिबास सिक्योरिटीज इंडिया (BNP Paribas Securities India) इस सेल को मैनेज कर रहे हैं। हालांकि, वोडाफोन ग्रुप पीएलसी और इंडस टावर्स को भेजे गए ईमेल का खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं मिला है।
Vodafone Plc के अलावा, भारत की दिग्गज टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल (Bharti Airtel ) भी इंडस टावर्स में 48 फीसदी हिस्सेदारी रखती है। इंडस टावर्स के पास पूरे भारत में 220,000 टावर्स हैं।
वोडाफोन ग्रुप पीएलसी ने टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) में भी अपनी हिस्सेदारी को कम किया है। ग्रुप ने ऐसा तब किया था, जब हाल ही में वोडाफोन आइडिया ने फॉलो-ऑन ऑफर (FPO) के जरिये 18,000 करोड़ रुपये जुटाए थे।
फॉलो-ऑन ऑफर के बाद, Vodafone Plc की वोडाफोन आइडिया में हिस्सेदारी घटकर 18 फीसदी हो गई है। वोडाफोन आइडिया इस रकम का उपयोग भारत में अपनी 5G-बेस्ड टेलीकॉम सर्विसेज को लॉन्च करने के लिए करेगी। मई में, वोडाफोन आइडिया ने करीब 7,674.6 करोड़ का नेट घाटा (net loss) दर्ज किया था, जो वित्त वर्ष 2023 की इसी तिमाही (Q4FY23) के 6,418.9 करोड़ से वित्त वर्ष 24 की चौथी तिमाही (Q4FY24) में 19.5 प्रतिशत ज्यादा था। इसकी वजह अधिक खर्च और रुका हुआ रेवेन्यू था।
FY24 के लिए, इसका नेट घाटा 31,238 करोड़ रुपये तक बढ़ गया, जो FY23 के 29,301 करोड़ रुपये से 6.6 फीसदी ज्यादा था।
Vodafone Plc को अपनी भारतीय यूनिट से भारी नुकसान देखने को मिला है। अब इसने भारत में और निवेश नहीं करने का फैसला किया है। साल 2022 में वोडाफोन की इंडस टावर्स में 28 फीसदी हिस्सेदारी थी। कंपनी तब अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचना चाहती थी। लेकिन उस रफ्तार से नहीं बेच सकी, जितने की उम्मीद थी। अब यह धीरे-धीरे इंडस टावर्स में अपनी शेयरहोल्डिंग कम कर रही है।
लेटेस्ट हिस्सेदारी की बिक्री के साथ, Vodafone Plc की इंडस टावर्स में हिस्सेदारी घटकर 11 फीसदी हो जाएगी।
शेयर बिक्री ऐसे समय में हो रही है जब एनालिस्ट का कहना है कि इंडस टावर्स ने एयरटेल के नए टावर रोलआउट में सुधार देखा है और वोडाफोन-आइडिया इक्विटी बढ़ोतरी के बाद इसके कलेक्शन्स ठीक हो रहे हैं, जिससे यह FY25 में डिविडेंड्स जारी रखने के लिए अच्छी स्थिति में है।
इसके अलावा, Airtel ने हाल के तिमाहियों में अपने ग्रामीण 4G पहुंच को और बढ़ाने के लिए टावर निवेश में तेजी लाई है। इससे इंडस टावर्स को भी और मजबूती मिली है। एयरटेल को उम्मीद है कि पांच प्रमुख सर्कल्स में आगे नेटवर्क विस्तार होगा जहां उसका टावर फुटप्रिंट जियो (Reliance Jio) से कम है।
बीएनपी परिबास के एक विश्लेषक ने मई में एक रिपोर्ट में कहा था कि कंपनी को उम्मीद है कि इंडस टावर्स आगे भी टावर सर्विस देती रहेगी।