अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वाली कंपनी वेदांत लिमिटेड का समेकित शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में सालाना आधार पर पांच गुना से अधिक बढ़कर 4,615 करोड़ रुपये हो गया। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी ने 838 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध लाभ दर्ज किया था। तिमाही के दौरान कंपनी का मुनाफा क्रमिक आधार पर 4,224 करोड़ रुपये से 9.2 फीसदी बढ़ गया। इस दौरान कंपनी का राजस्व 44 फीसदी बढ़कर 30,048 करोड़ रुपये हो गया। जिंस कीमतों में तेजी से राजस्व को बल मिला।
वेदांत लिमिटेड के मुख्य कार्याधिकारी सुनील दुग्गल ने कहा, ‘जिंस कीमतों में तेजी से वेदांत को मजबूत स्थिति हासिल करने में मदद मिली और हमें कीमतों में वृद्धि का फायदा मिला।’ जहां तक कारोबारी इकाइयों का सवाल है तो एल्युमीनियम कारोबार से प्राप्त राजस्व 12,119 करोड़ रुपये पर सर्वाधिक रहा। इसके बाद 5,897 करोड़ रुपये के राजस्व के साथ जस्ता कारोबार का स्थान रहा। ब्लूमबर्ग ने अनुमान जाहिर किया था कि तिमाही के दौरान कंपनी 28,396 करोड़ रुपये के राजस्व पर 4,503 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज कर सकती है। तिमाही के दौरान कंपनी का एबिटा 62 फीसदी बढ़कर 10,582 करोड़ रुपये हो गया। एबिटा मार्जिन बढ़कर 40 फीसदी हो गया जो एक साल पहले की समान अवधि में 36 फीसदी रहा था। सितंबर तिमाही के अंत तक कंपनी का सकल ऋण बोझ 51,040 करोड़ रुपये था जो सालाना आधार पर 11,719 करोड़ रुपये कम है।
गेल का शुद्ध लाभ 168 फीसदी बढ़ा
गेल (इंडिया) को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 2,872.62 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ जो एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 168 फीसदी अधिक है। पिछले वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में कंपनी ने 1,068.16 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया था। तिमाही के दौरान कंपनी की कुल आय बढ़कर 22,056.21 करोड़ रुपये हो गई जो एक साल पहले की समान अवधि में 14,104.80 करोड़ रुपये रही थी। तिमाही के दौरान सभी श्रेणियों में कंपनी का प्रदर्शन बेहतर रहा। इस दौरान प्राकृतिक गैस पारेषण बढ़कर 114.32 एमएमएससीएमडी हो गया जो चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 107.66 एमएमएससीएमडी रहा था। प्राकृतिक गैस की मार्केटिंग बढ़कर 97.72 एमएमएससीएमडी हो गई जो एक तिमाही पहले 95.95 एमएमएससीएमडी रही थी। कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मनोज जैन ने कहा कि गेल ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 3,180 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय किया।
व्हील्स इंडिया का शुद्ध लाभ 186 फीसदी बढ़ा
वाहन कलपुर्जा बनाने वाली चेन्नई की कंपनी व्हील्स इंडिया का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 186 फीसदी बढ़कर 21.2 करोड़ रुपये हो गया। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी ने 7.4 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया था। तिमाही के दौरान कंपनी का राजस्व 78 फीसदी बढ़कर 911.2 करोड़ रुपये हो गया जो एक साल पहले की समान तिमाही में 510.9 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी के प्रबंध निदेशक श्रीवत्स राम ने कहा, ‘सभी औद्योगिक श्रेणियों की बिक्री में सालाना आधार पर वृद्धि दर्ज की गई। जहां तक निर्यात कारोबार का सवाल है तो निर्माण उपकरण, कृषि उपकरण एवं पवनचक्की उद्योग का प्रदर्शन दमदार रहा। निर्यात के मोर्चे पर यही स्थिति फिलहाल बरकरार रहने के आसार हैं।’
इमामी का करोपरांत लाभ 56 फीसदी बढ़ा
कोलकाता की एफएमसीजी कंपनी इमामी का करोपरांत लाभ चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 56 फीसदी बढ़कर 185.25 करोड़ रुपये हो गया। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी ने 118.45 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया था। तिमाही के दौरान कंपनी का परिचालन राजस्व 7 फीसदी बढ़कर 788.84 करोड़ रुपये हो गया। इस दौरान घरेलू कारोबार की शुद्ध बिक्री में 9 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। कंपनी के निदेशक मोहन गोयनका ने कहा कि कंपनी ने घरेलू कारोबार में 9 फीसदी की वृद्धि दर्ज की जिसे मात्रात्मक बिक्री में 6 फीसदी की वृद्धि से बल मिला। उन्होंने कहा, ‘तिमाही के दौरान हमारे प्रमुख ब्रांड प्रोर्टफोलियो का दमदार प्रदर्शन जारी रहा।’ तिमाही के दौरान कंपनी का सकल मार्जिन सालाना आधार पर 150 आधार अंक बढ़कर 68.8 फीसदी हो गया। जबकि एबिटा 8 फीसदी बढ़कर 277 करोड़ रुपये हो गया। एबिटा मार्जिन 10 आधार अंक बढ़कर 35.1 फीसदी हो गया।
कैडिला हेल्थकेयर का करोपरांत लाभ बढ़ा
कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड (जायडस कैडिला) का करोपरांत लाभ 30 सितंबर 2021 को समाप्त तिमाही में 6 फीसदी बढ़कर 597 करोड़ रुपये हो गया। तिमाही के दौरान कंपनी का समेकित राजस्व सालाना आधार पर 3 फीसदी बढ़कर 3,785 करोड़ रुपये हो गया जबकि एबिटा 6 फीसदी बढ़कर 861 करोड़ रुपये हो गई। इस दौरान एबिटा मार्जिन 50 आधार अंक बढ़कर 22.5 फीसदी हो गया। जायडस कैडिला के भारतीय कारोबार ने तिमाही के दौरान समेकित राजस्व में 43 फीसदी का योगदान किया। इस दौरान भारतीय इकाई की बिक्री 12 फीसदी बढ़कर 1,591 करोड़ रुपये हो गई। दूसरी ओर मानव स्वास्थ्य फार्मूलेशन कारोबार में 12 फीसदी और उपभोक्ता तंदुरुस्ती कारोबार में 13 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। तिमाही के दौरान कंपनी ने अमेरिका में एनोग्जाप्रिन सोडियम इंजेक्शन को लॉन्च किया। कंपनी को उसकी कोवि-19 वैक्सीन जायकोव-डी के लिए मंजूरी मिल गई। यह दुनिया का पहला प्लाज्मिड डीएनए टीका है।
एरिस लाइफसाइंसेज का करोपरांत लाभ बढ़ा
ब्रांडेड फॉर्मूलेशन कारोबार के दमदार प्रदर्शन के बल पर एरिस लाइफसाइंसेज का करोपरांत लाभ चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान 10 फीसदी बढ़कर 118.3 करोड़ रुपये हो गया। तिमाही के दौरान परिचालन राजस्व 9 फीसदी बढ़कर 359.67 करोड़ रुपये हो गया जो एक साल पहले की समान तिमाही में 329.99 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अमित बख्शी ने कहा कि ब्रांडेड फॉर्मूलेशन कारोबार के शानदार प्रदर्शन से वृद्धि कोविड-पूर्व स्तर के मुकाबले 50 फीसदी तक पहुंच गई जिसे मुख्य तोर पर कार्डियो-मेटाबोलिक, विटामिन/ मिनरल/ न्यूट्रास्युटिकल्स और सीएनएस थेरेपी से बल मिला। कंपनी के प्रमुख 15 ब्रांड में से 9 अपनी श्रेणी के शीर्ष पांच में शामिल हैं।
बंधन बैंक को 3,008 करोड़ रुपये का घाटा
निजी क्षेत्र के ऋणदाता बंधन बैंक को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 3,008.6 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। तिमाही के दौरान डूबते ऋण के लिए 4,600 करोड़ रुपये के भारी प्रावधान के कारण वित्तीय प्रदर्शन को झटका लगा। एक साल पहले की समान तिमाही में बैंक ने 920 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया था। क्रमिक आधार पर देखा जाए तो चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बैंक ने 373.1 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया था। कोलकाता के इस बैंक ने कहा कि तिमाही के दौरान उसने अपने एनपीए खातों के लिए काफी अधिक प्रावधान किया और उसका प्रावधान कवरेज अनुपात 74 फीसदी रहा जो पहली तिमाही में 62 फीसदी रहा था। इसके अलावा उसने पुनर्गठित परिसंपत्तियों के लिए 2,100 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया। इस प्रकार प्रावधान मद की कुल रकम 4,603 करोड़ रुपये हो गई।
बंधन बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी चंद्रशेखर घोष ने कहा कि बैंक ने दबावग्रस्त परिसंपत्तियों की पहचान की है और आकस्मिक जरूरतों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त प्रावधान किया है ताकि आगे का कारोबार साफ-सुथरा रहे। इससे तिमाही के दौरान नुकसान दर्ज करना पड़ा। हालांकि इससे कारोबार में नए सिरे से वृद्धि दर्ज करने और दीर्घावधि लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी।
तिमाही के दौरान बैंक का सकल एनपीए 10.8 फीसदी हो गया जो एक साल पहले 1.2 फीसदी और जून 2021 में 8.2 फीसदी रहा था। शुद्ध एनपीए 3 फीसदी हो गया जो एक साल पहले 0.36 फीसदी रहा था। शुद्ध ब्याज आय 0.6 फीसदी बढ़कर 1,935.4 करोड़ रुपये हो गया। गैर-ब्याज आय 34 फीसदी बढ़कर 491.6 करोड़ रुपये रह गई। अग्रिम 6.6 फीसदी बढ़कर 81,661.2 करोड़ रुपये हो गया। पूंजी पर्याप्तता अनुपात घटकर 20.4 फीसदी रह गया। बीएस